‘प्रजापिता बह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न’’ डाॅ. हर्षवर्धन नेे माउण्ट आबू में किया शोध-पत्र प्रस्तुत
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‘एकेएस विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन ने माउण्ट आबू स्थित ’ज्ञान सरोवर’ स्थित समागार में आयोजित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में ‘अतीत की शक्ति, भविष्य का बल’ थीम के अंतर्गत ’वैयक्तिक व संगठनात्मक स्तर पर संबंधो के प्रभावी स्वरूप’ पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने शोध-पत्र के आधार पर बारीकी से सामाजिक संबंधो, कार्यक्षमता व उत्पादकता पर पड़ने वाले तत्वो की विवेचना प्रस्तुत की। शोध संगोष्ठी का आयोजन 16 से 20 सितम्बर तक आयोजित था जिसमें देश के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक, प्रधानमंत्री के सलाहकार डी.आर.डी.ओ. में कार्यरत शोधकर्ता,विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं विभिन्न प्रदेशो की विद्वान बह्मा कुमारी बहनों द्वारा सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किए गये। उल्लेखनीय है कि प्रजापिता बह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय मूल्य आधारित शिक्षा एवं आध्यात्मिक ज्ञान की गंगा बहा रहा है। इन केन्द्रो में परमात्मा व आत्मा के संबंधो के साथ-साथ ’राज योग’ द्वारा ध्यान की व्यावहारिक पद्धति बताई जाती है। ईश्वरीय ज्ञान के अंतर्गत आत्मा-परमात्मा के संबंधो के साथ मनुष्य के शरीर व आत्मा का संबध एवं उसकी उन्नति के अतिरिक्त किस प्रकार जीवन को समुन्नत किया जा सकता है, इसका भी साक्षात्कार कराया जाता है।
ज्ञातव्य है कि उक्त व्यावहारिक शोध संगोष्ठी में सतना स्थित पतेरी केन्द्र की प्रभारी बह्माकुमारी शशि दीदी के नेतृत्व में शिक्षाविद् श्री श्रवण तिवारी, डाॅ. यज्ञ दत्त त्रिपाठी, आर.पी. तिवारी, श्री अवध बिहारी शुक्ला, श्री यू.एस. भदौरिया, प्रशान्त निषाद आदि ने भी भाग लिया।एकेएस विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डाॅ. बनिक, चेयरमैन इंजी. अंनन्त कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, डीन एस.डब्लू. डाॅ. जी.सी. मिश्रा व प्रो. आर.एन. त्रिपाठी आदि ने डाॅ. हर्षवर्धन द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर शोध-पत्र प्रस्तुत करने पर बधाई दी है।