गुरु कुम्हार शिष कुंभ है गढ़ि-गढि काढै़ खोट-टीचर्स डे पर कार्यक्रम एकेएसयू में कामर्स विभाग में छात्र-छात्राओं ने किया गुरुओं को नमन
- Font size: Larger Smaller
- Hits: 1481
- 0 Comments
- Subscribe to this entry
- Bookmark
एकेएस विश्वविद्यालय के सभागार में सोमवार को ”टीचर्स डे” सेलीब्रेट किया गया।टीचर्स को रोली-चंदन का टीका लगाकर सभागार में आमंत्रित किया गया।और सम्मान की बेला प्रारंभ हुई मंत्रों की मधुर धुनों के बीच-गुर्रुब्रहमा गुर्रुविष्णु गुर्रुदेवो महेश्वरः गुर्रु साक्षात परब्रहमा तस्मै श्री गुरुवे नमः संस्कृति के स्लोक से संस्कार के बादलों की बारिस रिमझिम फूटी और पूरा शमा हो गया गुरुमय।गौरतलब है कि भारतवर्ष के पूर्व राष्ट्रपति स्व. डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन टीचर्स डे के रुप मे मनाया जाता है । डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के विचारों से टीचर्स ने बच्चों को प्रेरित किया। फिर दौर प्रारंभ हुआ यादों का जब टीचर्स ने डाॅट पिलाई बाद में दुलारा ओर समझाइस के बाद प्यारे छात्रों ने अपने टीचर्स को डेडीकेट करतंे हुए बीती यादों को याद किया। ये यादें सजोंई नेहा ने। पीपीटी के माध्यम से गुरु शिष्य परंपरा की मीठी यादें कई बार खुशी से आॅखें नम कर गई तो कई बार लम्हें खुशनुमा पलों में चलीं गई। चेयरमैन अनंत कुमार सोनी के प्रभावी विचारेंा और प्रेरणास्पद वक्तव्य से छात्रों ने जीवन की सीख पाई। अपने विद्वान एवं ज्ञान का मार्ग प्रशस्त करने वाले शिक्षकों के लिए छात्रों ने प्रशंसा के गीत गाए उनका अभिवादन किया अपने जीवन के अज्ञान के अॅधेरों को शिक्षकों के ज्ञान के माध्यम से दूर करने के लिए कलागृह में उपस्थित माननीय गूरुजनों डाॅ असलम सईद, विपुल शर्मा ,डाॅ. धीरेन्द्र ओझा, रेखा पटेल, नेहा समदरिया, रितिका बंसल, मेघा गोयल,सच्चिदानंद, भरत सोनी, शिप्रा माथुर के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कई बार गला रुॅध गया तो कई बार भावातिरेक में वाणी का सुर ही बदल गया। अर्चना एवं राहुल ने नदी के दो किनारों की तरह कार्यक्रम की कश्ती को आगाज से अंजाम तक पहुॅचाया।कुल मिलाकर शिक्षक दिवस का कार्यक्रम यादगार और अविस्मरणीय रहा।