एकेएसयू में ‘‘जीवन विद्या शिविर‘‘ का समापन वर्तमान शिक्षा एवं शिक्षण संस्थान पर अनुकरणीय विमर्श
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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय में 30 जुलाई ‘‘जीवन विद्या शिविर‘‘ का समापन हुआ ।जीवन विद्या शिविर के प्रमुख वक्ता श्री सुशील सिंह (जीवन विद्या शोध केन्द्र, शहडोल ,अमरकंटक) ने समापन अवसर पर बताया कि प्रकति का असंतुलन ही समस्याओं के केन्द्र में है। ए. नागराज द्वारा प्रतिपादित जीवन दर्शन जो मानव एवं प्रकृति का संतुलन सिखाता है कि मानव और प्रकृति के संतुलन पर समाज का विकास निहित है। कार्यक्रम में पदार्थ अवस्था,प्राण अवस्था,और जीव अवस्था के साथ प्रकृति के संतुलन-असंतुलन, रोजगार संकट, आर्थिक असंतुलन और निराशा पूर्ण मनोभावों और समाजिक समस्याओं से मुक्त करने के संबंध में व्यक्ति की भागीदारी, मानव व्यवहार, समाधानात्मक विकल्पों, भौतिकवाद एवं मानवीय संविधान के संदर्भ में विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने शिक्षा संदर्भ में कहा कि शिक्षा व्यक्ति के आचरण को बदलती है अैार सह अस्तित्व के साथ जीवन को सही दिशा देती है।इस अवसर पर एकेएस वि.वि. के पदाधिकारी एवं फैकल्टीज ने सहभागिता दर्त कराई।
मीडिया विभाग