एकेएस विश्वविद्यालय में जीवन विद्या शिविर वर्तमान शिक्षा में परिवार, विद्यार्थी और शिक्षण संस्थान पर विमर्श
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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय में 25 जुलाई से प्रारंभ होकर 30 जुलाई के समापन तक पहुॅचेंगें।जीवन विद्या शिविर के प्रमुख वक्ता श्री सुशील सिंह (जीवन विद्या शोध केन्द्र, शहडोल ,अमरकंटक) ने बताया कि जीवन विद्या शोध केन्द्र ए. नागराज द्वारा प्रतिपादित एक ऐसा जीवन दर्शन जो मानव एवं प्रकृति का संतुलन सिखाता है। कर्नाटक में जन्मे ए. नागराज ने अपने जीवन का 80 प्रतिशत हिस्सा अमरकंटक के जंगलों में गुजारते हुए सधानाएं की और प्रकृति द्वारा प्रद्त मानव जीवन के सन्दर्भ में इन्हें बोध हुआ और उन्होंने जीवन विद्या शोध केन्द्र की स्थापना कर, अपने दर्शन को लोगों तक पहुंचाया। मानव और प्रकृति के संतुलन पर समाज का विकास निहित है। ए. नागराज ने अर्थशास्त्र को लाभोंन्मादी, मनोविज्ञान को कामोंन्मादी एवं समाज को भोगोंन्मादी बताया है। कार्यक्रम में प्रकृति के असंतुलन, रोजगार संकट, आर्थिक असंतुलन और निराशा पूर्ण मनोभावों ,प्रकृति के संतुलन और समाजिक समस्याओं से मुक्त करने के संबंध में व्यक्ति की भागीदारी की,मानव व्यवहार, समाधानात्मक, भौतिकवाद, मानवीय संविधान के संदर्भ में विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने शिक्षा संदर्भ में कहा कि शिक्षा व्यक्ति के आचरण को बदलती है।
मीडिया विभाग