मिलने और जुदा होने के लम्हों की फेयरवेल पार्टी सी.एस में- खुशियों के आॅचल में तारों के साथ आसमान की शिरकत
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चुप्पी के बीच मुखर हुई एहसासों की बयार-फिर मिलेंगें चलते-चलते -
सीनियर्स तुम छूना आसमान, है दुआऐं हमारी आपके साथ
मंगलवार को एकेएस वि.वि. के सभागार में रंग-बिरंगें परिधानों में सजे़,कहकहे लगाते,गुनगुनाते,मुस्कुराते,एक दूसरे से मिलते स्टूडेन्ट्स ने फेयरवेल पार्टी को वक्त के सुहाने पन्नों में उकेर दिया। कम्प्यूटर साइंस विभाग में शोर था, स्टूडेन्ट्स की मीटिंग की खुशी और पार्टिग के ग़म के मीठे भावों का। जूनियर्स का इसलिए कि आज सीनियर्स के साथ मचाऐंगें धमाल, अगले पल गम था साथ बिताए खूबसूरत पलों के एहसासों से अलग होने का, वि.वि. की दहलीज से दूर जानें का और सीढ़ियों पर उतरते चढ़ते बिताए हर पल के लुत्फ का, टीचर्स के अपनेपन से पिलाई गई डाॅट का और रंग और नूर था हर चेहरे पर तहजी़ब का,सलीके का, रत्ती भर रंज और ढेरों अतीत की यादों का।
फेयरवेल के मौके पर जूनियर्स के जज्बातों नें किया सीनियर्स को भावुक
वक्त की खरिया पर संुदर लिखावट की तरह ,ये है कालेज की दुनिया पेश किया वीरेन्द्र ने, कार्यक्रम के गुलदस्तें से निकली कविता लव आॅफ लाइफ इसे स्वर दिया अश्वनी ने,जुगनुओं का अंतहीन आॅचल पकडे़ प्रियंका एवं माधवी की जोडी नें जिंदगी ये सफर केा बुलंदियाॅ दीं। सनम रे की रुमानियत नें वक्त की फिजाॅ बदली सब एकरंग होकर झूमे। आकांक्षा एवं शिवांगी ने मैनू तो रब दा वास्ता को मुरकियों के ज़ाल से बुनकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
फेयरवेल में गेम्स न हो कैसे संभव
अब बारी आई हुनरबाज़ खिलाडियों की वन,टू,थ्री स्टार्ट हुआ और बबल स्ट्रा,पेपर डांस मे स्टूडेन्ट्स ने पार्टिसिपेट किया और तारीफों के हकदार बने।तारीफेां के अल्फाज मिलें और विनर बनकर मिलें स्प्ेाशल तोहफे भी।
नगमों की कशिश, लरज़ते नृत्य व पोयट्री से हर एहसास
एंकर्स मधुलिका, रूची, अश्वनी, और वैष्णव ने शेरों-ओ-शायरी की खूबसूरत इबारत केा लफ़्जों की मीठी चासनी में लपेटकर खूबसूरती से तिनके-तिनके,जरा-जरा कारवाॅ आगे बढाया।हौले-हौले तालियों के शोर से मौका बना खा़स और स्टूडेन्टस केा जोशो-ओ-खरोश दिया उपस्थित टीचर्स एवं साथियों नें। मंच से प्रस्तुति दे रहे अपने क्लासमेट्स को खास होने का एहसास मिला उर्जा से पेश किए गए गीत संगीत से शमाॅ चाॅद की झिलमिल तारों की बारात में तब्दील हो गया।
याद आऐंगें ये पल- इन चेहरों पर लगी खा़स होने की मुहर
पार्टी में मिस फेयरवेल शिवा एवं रूबी एवं मिस्टर फेयरवेल अमन एवं तुशार को चुना गया। कब पार्टी शुरु हुई और कैसे वक्त बंद मुठठी से रेत की तरह निकल गया और शाम की दस्तक़ देने लगा यह एहसास तब हुआ जब एंकर्स ने पार्टी का एंड एनाउंस किया। फिर हुआ गीत अभी तो पार्टी शुरु हुई है और इस खूबसूरत गीत पर सभी थिरके।मंच पर गृ्रप फोटो यादग़ार और हंगामाखेज़ रहा। समन्दर की लहरों के बीच अठखेलियाॅ खेलतें शाम की सूरज की किरणों की तरह सुर मिले, ताल और लय का संयोजन बना और कारवाॅ आकर ठिठक गया अंत पर दस्तक देते हुए और छोड गया यादों का अंतहीन सिलसिला---------दूर आसमान में निहारते किसी ख्वाहिस के पूरा होने की उम्मीद लिए जिसमें शामिल थे कॅरियर, काॅलेज फ्रैन्डस,उनके बीच के अजनबी लेकिन खास रिश्ते,एक दूसरे के लिए सम्मान और फिक्र,टिफिन शेयरिंग इनके जिक्र के बीच कई बार आॅखें नम हुईं तो कई बार गालों पर लुढक कर कर गई चुगली भावों के मंजर की-----