केएस विश्वविद्यालय में ‘मेक इन इंडिया’ इनीशिएटिव्स इन माइनिंग-
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-स्वच्छ भारत एवं मेक इन इंडिया पर विस्तार से चर्चा-
स्वतंत्रता के बाद भारतवर्ष को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई प्रयास हुए।भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक थिंग्स इन इंडिया’ के विजन में लगातार इनोवेशन हो रहे हैं । विश्व की आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल करते हुए समस्त क्षेत्रों मे‘‘ मेक इन इंडिया ‘‘बनाने की कोशिश है। शनिवार को एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के सभागार में मेक इन इंडिया रीजनल सेमिनार ‘मेक इन इंडिया इनिशियेटिव इन माइनिंग’ का आयोजन किया गया। माॅ शारदा की अराधना के बाद कन्वीनर जी.के. प्रधान द्वारा अतिथि परिचय दिया गया,आईएमई जरनल के चीफ एडीटर प्रो. एस. जयंतू ने वेल्कम एड्रेस दिया। संचालन श्रद्वा ने किया।
आब्जेक्टिव आॅफ सेमिनार-माइनिंग है जाॅब से भरपूर क्षेत्र
भारत सरकार के मेक इन इंडिया के संबंध में माइनिंग के क्षेत्र में क्या उम्मीदें हैं व भविष्य में क्या तब्दीली आयेगी इस विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। उपस्थित विद्वजनों ने‘‘ मेक इन इंडिया‘‘- इनीशियेटिव इन माइनिंग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। माइनिंग क्षेत्र के स्टार्टअप व इण्डस्ट्री नीड्स पर भी सार्थक चर्चा हुई। माइनिंग को जाॅब ओरएन्टेड फील्ड निरुपित किया गया।
इनकी गरिमामयी उपस्थिति में कार्यक्रम हुआ संपन्न रहे मंचासीन
इस अवसर पर मंचासीन अतिथियों में इजी. एस.के. तिवारी, एडवाइजर (माइन्स एण्ड प्रोजेक्ट) मैहर सीमेंट, श्री एस. राॅय,( कन्ट्रोलर आॅफ माइन्स, इंडियन ब्यूरो आॅफ माइन्स जबलपुर), प्रो. ए. जमाल, (प्रो. माइनिंग आईआईटी बीएचयू ) प्रो. एस जयंतू , प्रो. एस. राय के साथ सभागार में एकेएस विवि. के कुलपति प्रो. पी.के. बनिक, चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी एवं फैकल्टी मेम्बर्स उपस्थित रहे। कार्यक्रम में वोट आॅफ थैंक्स इं. आर.के. श्रीवास्तव ने दिया।
सीमेंट इंडस्ट्री है शिव की तरह सभी जहर पीने वाली- जी.सी मिश्रा डायरेक्टर सीमेंट एकेएस
टेक्निकल सेशन में ‘‘वेस्ट जनरेशन इन इंडिया एण्ड देयर पोटेंशियल यूज्ड इन सीमेंट एण्ड कांक्रीट प्रोडक्शन‘‘ पर सीमेंट टेक्नाॅलाॅजी के डायरेक्टर जी.सी. मिश्रा ने प्रजेन्टेशन दिया। उनका कहना था कि सीमेंन्ट इंडस्ट्री सभी अनुपयोगी पदार्थो को यूजफुल बनाती है इसलिए वह भगवान शिव की तरह कही जा सकती है क्योंकि शिव नें मानव-दानव की रक्षा हेतु जहर का प्याला पी लिया था।
इनका रहा सराहनीय योगदान
कार्यक्रम बेहद सफल रहा और इसकी सफलता में फैकल्टी शिवानी गर्ग, एकता श्रीवास्तव, गौरी रिछारिया, मनीष अग्रवाल, सुधा अग्रवाल, आशुतोष दुबे, अतुलदीप सोनी इत्यादि की सराहनीय भूमिका रही। सभी विशेषज्ञों ने एकेएस के विभिन्न संकायों की मुक्त कंठ से तारीफ की
फाइंडिंग्स आॅफ सेमिनार
रीजनल सेमिनार के समापन अवसर पर सभी ने इस तथ्य को एक मत से स्वीकार किया कि माइनिंग का क्षेत्र विस्तृत जाॅब संभावनाओं से भरा है और भविष्य में इसमें और सकारात्मक बदलाव आयेंगे। शासन की योजनाओं में विस्तृत संभावनाओं का क्षेत्र है माइनिंग और यह‘‘ मेक इन इंडिया‘‘ में सक्रिय एवं विस्तृत भागीदारी सुनिश्चित करेगा। सभी ने एक मत से कहा कि नाॅलेज पार्टनर एकेएस यूनिवर्सिटी व इंडियन माइनिंग व इंजीनियरिंग जरनल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सेमिनार में ‘‘स्वच्छ भारत‘‘ मिनरल्स, माइनिंग्स, इंटरनेशनल कोलैबोरेशन,नेशनल जियोग्राफी,माइन्स प्रोडक्शन एफिसिएन्सी पर तथ्यपूर्ण एवं रोचक चर्चा हुई। माइनिंग क्षेत्र में स्वच्छ भारत अभियान का भी अमूल्य योगदान है। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।