उच्च स्तरीय शेाध कार्य,टेक्नालाॅजी ट्रान्सफर व पै्रक्टिकल टेªनिंग को प्राथमिकता -प्रो पारितोष के बानिक
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एकेएस विश्वविद्यालय की विद्यापरिषद द्वारा दीक्षंात समारोह पर मुहर के साथ लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय
चार्टर्ड अकाउंटेंट अर्हता कोें स्नातकोत्तर उपाधि की समकक्षता प्रदान करते हुए सीए को भी पीएच.डी. व एम.फिल में प्रवेश हेतु मान्यता
सर्टिफिकेट कोर्सेस जैसे फैशन डिजायनिंग,क्वालिटी मैनेजमेंट,सर्टिफिकेशन इन रिटेल मैनेजमेंट,मोटर एण्ड ट्रान्सफार्मर बाइंडिंग,कम्प्यूटर हार्डवेयर एण्ड नेटवर्किंग
सतना-29 सितम्बर,मंगलवार को एकेएस विश्वविद्यालय की विद्या परिषद की एक अहम बैठक माननीय कुलपति प्रो.पारितोष के.बानिक की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। गौरतलब है कि विद्या परिषद की यह बैठक सत्र 2015-16 के अंतर्गत विभिन्न पाठ्यक्रमों, पीएच.डी. व एम.फिल के पाठ्यक्रम व प्रवेश प्रक्रिया के अनुमोदन के लिहाज से अहम रही। इसी कडी में वि.वि. में प्रस्तावित दीक्षांत समारोह के आयोजन पर विस्तार से चर्चा हुई। गौरतलब है कि विगत सत्रों में वि.वि. के उत्तीर्ण होने वाले छात्रों के लिये यह आयोजन विशेष होगा जबकि यह वि.वि. का पहला दीक्षांत समारोह आयोजित होने जा रहा है।
बैठक के एजेन्डे के विभिन्न बिन्दुओं पर प्रतिकुलपति डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी ने विद्या परिषद के सभागार में उपस्थित सदस्यों को अवगत कराया कि गत वर्ष एकेएस वि.वि. में यूजीसी की उच्चस्तरीय समिति द्वारा निरीक्षण हो चुका है एवं विश्वविद्यालय अधिनियम सेक्शन 2(एफ) के अंतर्गत वि.वि. की मान्यता अनुमोदित भी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सत्र 2015-2016 के लिए पीएच.डी.व एम.फिल हेतु प्रवेश परीक्षा का आयोजन संपन्न हो चुका है। और अब इस अंचल के विद्यार्थी पीएच.डी.व एम.फिल एकेएस वि.वि. से कर सकते हैं।
एकेएस वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने चर्चा के दौरान कहा कि वि.वि. में चार्टर्ड अकाउंटेंट अर्हता कोें स्नातकोत्तर उपाधि की समकक्षता प्रदान करते हुए सीए को भी पीएच.डी. व एम.फिल में प्रवेश हेतु मान्यता दिया जाना उचित होगा जिसे परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया।।उन्होनें सदस्यों को बताया कि वि.वि. को सत्र 2015-2016 में पीसीआई (फार्मेसी काउंसिल आॅफ इंडिया) द्वारा डी. फार्मा पाठ्यक्रम के संचालन की मान्यता मिल चुकी है अतः पाठ्यक्रम का संचालन फार्मेसी विभाग द्वारा इसी सत्र में अनुमोदित किया गया।
बैठक के दौरान यह बताया गया कि उच्च शिक्षा मे उच्चतम गुणवत्ता बनाये रखने हेतु शिक्षकों एवं छात्रों के लिये ‘‘कोड आॅफ कंडक्ट‘‘ नियत कर दिया गया है और प्रस्ताव का अनुमोदन परिषद में किया गया। सत्र 2015-16 से प्रारंभ किये गये नये प्रस्तावित कोर्सेस डिप्लोमा माइनिंग एवं सर्वेयिंग,बी.ए.कम्प्यूटर,बीएससी मैथ्स,बी.ए.फूड पर भी चर्चा कर अनुमोदन किया गया। माननीय कुलपति जी ने सभी सदस्यों को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के प्रस्तावित सीबीसीएस ‘‘च्वायस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम‘‘ के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि नवीन व्यवस्था के अंतर्गत छात्रों को खुद अपनी रुचि के अनुसार उनके द्वारा चयनित विषयों के अतिरिक्त अन्य व्यावहारिक पाठ्यक्रम भी पढ़ने के अवसर प्राप्त हो सकेंगे। इससे छात्रों को उनकी प्रतिभा एवं रुचि के अनुसार अपना भविष्य संवारने का अवसर मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि छात्र यदि चाहेंगे तो इंजी. के छात्र इवेंट मैनेजमेंट,एस्ट्रोलाॅजी,पेन्टिंग, संगीत जैसी ललित कलाओं में रुचि अनुुसार विषय का चयन कर सकेंगें। इससे संबंधित छात्रों को क्रेडिट अंकसूची में भी शामिल होगा।प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन ने इस अवसर पर बताया कि इसी सत्र से वि.वि. द्वारा समाज की आवश्यकता पर आधारित सर्टिफिकेट कोर्सेस जैसे फैशन डिजायनिंग,क्वालिटी मैनेजमेंट,सर्टिफिकेशन इन रिटेल मैनेजमेंट,मोटर एण्ड ट्रान्सफार्मर बाइंडिंग,कम्प्यूटर हार्डवेयर एण्ड नेटवर्किंग इत्यादि भी प्रारंभ किए जा रहे हैं।विभिन्न शासकीय एवं अशासकीय संस्थानों मे वि. वि. अब अपनी कन्सल्टेन्सी भी प्रदान करेगा।इसी कड़ी में शासकीय एवं औद्योगिक प्रतिष्ठानों से सम्पर्क कर
में सर्वेक्षण कार्य, रिसर्च एवं अन्य आवश्यकतानुसार तकनीकी परामर्श प्रदान करने की पहल की जायेगी। डीन बेसिक साइंसेस प्रो. आर. एन. त्रिपाठी ने विद्या परिषद के सदस्यो को अवगत कराया कि वि. वि. को आई टी एवं रूरल सेक्टर मे बेस्ट यूनिवर्सिटी के साथ चार अन्य एवार्डो से सम्मानित किया गया है। इस अल्पावधि मे इन उपलब्धियों से वि. वि. की प्रतिष्ठा बढ़ी है। अतः प्रस्ताव पास कर कार्य समिति द्वारा प्रबंधन को बधाई दी गई। इस अवसर पर डाॅ. शेखर मिश्रा ने कहा कि 2015-16 से प्रारंभ होने वाले बैचेस से ‘‘इंटरनल एसेसमेंट रूल्स में संशोधन, सेमेस्टर परीक्षा में नवीन पासिंग परसेंटेज के निर्धारण, प्रायोगिक परीक्षा अंक प्रणाली ,प्रश्न बैंक के निर्माण संबंधी नियम, ग्रेडिंग सिस्टम, रिवैल्युएशन सिस्टम, इंस्पेक्शन आॅफ आंसर बुक, अनफेयर मीन्स पर नियमो की भी विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर विशेष आमंत्रित सदस्यों में डाॅ. कपिल देव मिश्रा (डीन आर्ट फैकल्टी महात्मा गांधी चित्रकूट वि. वि.) के अतिरिक्त डाॅ. आर.पी.एस. धाकरे, प्रो. आर. एन. त्रिपाठी, डाॅ. आर.एस. निगम, डाॅ. शेखर मिश्रा, विवेक श्राीवास्तव, इंजी आर. के. श्रीवास्तव, डाॅ. आर.एस. पाठक, डाॅ. जी.एस. पाण्डे, इंजी जी. सी. मिश्रा, इंजी राजेश मिश्रा, डाॅ. नीरज वर्मा, डाॅ.असलम सईद, डाॅ. कौशिक मुखर्जी, डाॅ. कमलेश चैरे, प्रो. एस.पी. गुप्ता, डाॅ. पंकज श्रीवास्तव, इंजी अजीत सराठे, डाॅ. प्रदीप मजूमदार, विजय विश्वकर्मा, डाॅ. आर.एस.मिश्रा, राजीव सोनी, डाॅ दिनेश कुमार मिश्रा, डाॅ. निलेश राॅय, डाॅ. निमिश त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।
मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना