एकेएसयू और इन्फ्लिबनेट के बीच एम.ओ.यू.-प्रोजेक्ट शोध गंगा/शोध गंगोत्री
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यू.जी.सी का स्वायत्तशासी इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर है इन्फ्लिबनेट
इक्कीसवीं सदी की शिक्षा जरूरतों के मद्देनजर एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना ने इन्फ्लिबनेट सेंटर, गाँधीनगर, के साथ एम. ओ. यू पर हस्ताक्षर किए है। वृहद शोध गंगा एवं शोध गंगोत्री प्रोजेक्ट रिपाॅजिटरी सेंटर है। गौरतलब है कि इन्फ्लिबनेट यू.जी.सी का सेंटर है। शोध, थीसिस, डिजर्टेशन रिपाॅजिटरी के क्षेत्र में एम.ओ.यू. काफी अहम है इसमें जिम्मेदारियां, उत्तरदायित्व, वचनबद्धता शामिल होगी। इन्फ्लिबनेट सेंटर के पास कम्प्यूटर नेटवर्क, साॅफ्टवेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर और इलेक्ट्रानिक वर्जन की थीसिस और डिजर्टेशन के लिए रिपाॅजिटरी है। एकेएस यूनिवर्सिटी, एम. ओ. यू. के बाद पुरानी रिसर्च थीसिस और डिजर्टेशन का भी डिजिटाइजेशन करंेगी। एकेएस विश्वविद्यालय के एम.फिल और पी.एच.डी के एनरोल्ड विद्यार्थी भी इन्फ्लिबनेट की रिपाॅजिटरी में अपने शोध अपलोड कर सकेंगे। इन्फ्लिबनेट यू.जी.सी. को शोध हेतु फाइनेन्सियल असिस्टेन्स के लिए भी सिफारिशें करती हैं। इसके अलावा इन्फ्लिबनेट एकेएस यूनिवर्सिटी द्वारा नामांकित कर्मचारी को लाइब्रेरी फील्ड में टेªनिंग प्रोवाइड करेगी। मेमोरेन्डम आॅफ अन्डरस्टैण्ंिडग पर एकेएसयू की तरफ से हस्ताक्षर अंनत कुमार सोनी चेयरमैन, एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना एवं डाॅ. जगदीश अरोऱा डायरेक्टर, इन्फ्लिबनेट संेटर गाँधीनगर, गुजरात ने 1 जून 2015 को परस्पर मुददों पर सहमति के पश्चात किए । शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में यह एम. ओ. यू. मील का पत्थर साबित होगा । विश्वविद्यालय के चेयरमैन, अंनत कुमार सोनी एवं प्रतिकुलपति हर्षवर्धन ने शोधार्थियों से इसका अधिक से अधिक लाभ लेने कि अपील की है।
मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना