17/04/2014
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‘‘स्पीक आउट, क्रिऐट चेन्ज’’ थीम के साथ एकेएस के सभागार में ‘‘हीमोफिलिया डे’’ पर संगोष्ठी रखी गयी। ‘‘वल्र्ड फेडरेशन आॅफ हीमोफिलिया जागरूकता दिवस’’ के अवसर पर कार्यक्रम रखकर फार्मेसी विभाग द्वारा विद्यार्थियों को दिवस से जुडी रोचक और महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ तकनीक और मशीनों के बारे में भी जानकारी दी गई। इस मौके पर यूनिवर्सिटी के सभागार में फार्मेसी प्राचार्य सूर्य प्रकाश गुप्ता ने विद्यार्थियों को हीमोफिलिया के प्रकार, फ्रैन्क शेबेल की याद में मनाये जाने के कारण, हीमोफिलिया के लक्षण, हीमोफिलिया से बचाव के उपाय और विभिन्न फलों एवं सब्जियों के बारे में बताया जिससे रक्ताल्पता में लाभ मिलता है। फार्मेसी विभाग के सभी सेमेस्टर के विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए फार्मेसी प्राचार्य ने बताया कि ‘‘क्लाॅटिंग फैक्टर’’ बढ़ाने के लिए पालक, मेथी, गाजर के साथ सभी हरी सब्जियों का सेवन जरूरी है। उन्होंने बताया कि यह दिवस 1989 से मनाया जा रहा हैं। हीमोफिलिया के दो टाईप होते हैः- ए-काॅमन और बी-रेयर। सभागार में उपस्थित फार्मेसी के विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर भी फार्मेसी प्राचार्य ने दिये। इस मौके पर फार्मेसी विभाग के सभी फैकल्टीज एवं छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहें।