एकेएस वि.वि. पहुॅची गाॅधी जी की याद में आयोजित 150 वीं शांति सद्भावना यात्रा
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एकेएस वि.वि. सतना के सभागार में राष्ट्रीय युवा संगठन, सर्वोदय मंडल ने एक मंच से सभी जनों को गाॅधी मार्ग से शांति का पैगाम देने का बीडा उठाया है। इसी कडी में इकठठा हुए सभी जनों ने गाॅधी जी के दर्शन के साथ अन्य प्रकृति के अन्य उपादानों जल, जंगल,जमीन पर विचारों का आदान प्रदान किया। गोष्ठी में एक है धरती, एक हैं लोग मिशन को साकार करने के पुनीत उद्येश्य को लेकर दोस्ती के लिए दोस्तों की यात्रा का पडाव मंगलवार को वि.वि.में हुआ। सर्वप्रथम देवार्चन और दीप प्रज्वलन के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इस पडाव में विचार गोष्ठी वि.वि. के सभागार मे आयोजित हुई जिसमें यात्रा के वृत्तांत पर विधिवत जानकारी कार्यक्रम के आयोजकों ने दी। कार्यक्रम का संचालन करते हुए वरिष्ठ पत्रकार बलराम जी ने सभी अतिथियों का क्रमानुसार पदानुक्रम में परिचय दिया स्वागत भाषण अरुण भारती ने दिया और उपस्थित जनों का सभागार में स्वागत करते हुए उन्हाने गाॅधी और विनोबा भावे के आपसी विश्वास और कार्यशैली पर परिचय भी दिया।उल्लेखनीय है कि यात्रा अनूपपुर से 11 सितंबर को विनोबा जयंती पर प्रारंभ हुई है और इसे प्रदेश के विभिन्न अंचलों और समस्त जिलों की तहसीलों तक ले जाना उद्येश्य है जिससे समरसता,भाईचारा,सौहार्द,प्रेम,आपसी विश्वास का माहौल मिर्मित हो ओर सभी जन वैष्णव जन बनकर संसार में रहें और निबाह करें। भूपेन्द्र तिवारी ने इसका उद्येश्य बताते हुए कहा कि इंसान का इंसान से हो भाईचारा यही उद्येश्य हमारा है। सीता प्रसाद ने आचार्य विनोवा भावे के सर्वधर्म समभाव प्रार्थना गाकर सभी को इसका महत्व रेखांकित किया। आर.एस.त्रिपाठी ने कहा कि परहित सरिस धर्म नहिं भाई,परपीडा सम नहिं अधमाई,उन्होंने कहा कि जितना जरुरी हो उतना ही संचय करें यही गाॅधी दर्शन है। वैद्य और किसान वृजवासी जी ने गाॅधी जी के जीवन की तीन कहानियों के माध्यम से प्रासार को परिचित कराया। भूपेश जी ने बताया कि गैर राजनीतिक मंच है उनका संगठन,जिसमें स्वविवेक से लोग जुडते हैं ओर विचार प्रधान जीवन जीकर लोगों को उत्प्रेरित करते हैं। वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी ने आसंदी से संबोधित करते हुए कहा कि उनके जीवन में गाॅधी दर्शन गहरे तक समाया है और गाॅधी का प्रभाव आज 150 वर्षो के बाद भी धूमिल न होकर और प्रखर हुआ है जो आज के माहौल में और भी प्रासंगिक है। जीवन की घटनाऐं रास्ता बनाती है, हमारे देश मे सर्व की स्वीकार्यता सदियों से रही है जिसकी वजह से हम सर्वधर्म समभाव की मिसाल कायम करते आए है।बुजुर्गो का सम्मान हमारा रिवाज है,उन्होंने एकेएस वि.वि. के शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे सदप्रयासों के साथ वि.वि. के विभिन्न अनुक्रमों पर जानकारी देते हुए कहा कि उनके पिता ने उन्हें जो सिखाया वह नजीर है और पिता के ही उच्च विचार उन्हें आगे बढने की प्रेरणा देते है उन्होेंने यात्रा की सुखद सफलता की कामना की। इस मौके पर डाॅ.शैला तिवारी ने विनोवा भावे से जुडे प्रसंगों पर विधिवत चर्चा की। इस मौके पर प्रभुदयाल शर्मा, सुल्तान शेख, इश्ताक शहडोली, रामबिहारी विश्वकर्मा, रामकुमार विश्वकर्मा, राजेन्द्र नामदेव, रमेश गुप्ता, अजमत भाई, अंकुश शुक्ला, अलीबद्र के साथ वि.वि. के छात्र-छात्राऐं प्रमुख रुप से उपस्थित रहे और अतीत की यादों के साथ हमारी संस्कृति व विरासत से भी परिचित हुए।