Simple Joomla Templates by Web Hosting

  • Home
    Home This is where you can find all the blog posts throughout the site.
  • Categories
    Categories Displays a list of categories from this blog.
  • Archives
    Archives Contains a list of blog posts that were created previously.

09-05-2014 विश्व रेडक्रास दिवस - पीड़ित मानवता की सेवा है सर्वोपरि

Posted by on in Daily University News in Hindi
  • Font size: Larger Smaller
  • Hits: 2118
  • 0 Comments
  • Subscribe to this entry
  • Print

एकेएस में हुए संगोष्ठी

सतना। हेनरी डयूनेन्ट ने 1963 में जेनेवा में एक कमेटी बनाई जिसका नाम रखा रेडक्राॅस की अंतरराष्ट्रीय समिति रखा गया। इसी दिवस की याद में ‘‘रेडक्राॅस ड’’े सेलीब्रेट किया जाता है।


संगोष्ठी में इस बात पर चर्चा की गई कि बिना भेदभाव के पीड़ित मानवता की सेवा करने का विचार देने वाले तथा रेडक्राॅस अभियान को जन्म देने वाले मानवता के प्रेमी हेनरी डयूनेन्ट का जन्म 8 मई, 1828 में हुआ था। वह एक स्विस बिजनेसमैन और महान समाज सेवक थे। उनके जन्म दिन 8 मई को ही विश्व रेडक्राॅस दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है। इसे हम अंतरराष्ट्री स्वयंसेवक दिवस के रूप में मनाते है।


प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रेडक्राॅस के लिए मानवता की रक्षा करना उनकी सबसे बड़ी चुनौती के रूप में सामने आई। उस समय हर जगह मानवता का संहार किया जा रहा था। ऐसे में रेडक्राॅस द्वारा चिकित्सा सुविधाएं देना एक बड़ी समस्या थी। युद्ध के समय घायल सैनिकों को अपनी सेवा देना इनका प्राथमिक कार्य होता था।
भारत में वर्ष 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के तहत भारतीय रेडक्राॅस सोसायटी का गठन हुआ, तब से रेडक्राॅस के स्वयं सेवक विभिन्न प्रकार की आपदाओं में निरंतर निःस्वार्थ भावना से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। भारत में प्राकृतिक आपदा अपने चरम पर रहती है उसको देखते हुए रेडक्राॅस सोसाइटी मानवता की सेवा के लिए भारत के कोने-कोने में अभियान भी चलाती है।


आज विश्व के अधिकांश ब्लड बैंकों की देख-रेख रेडक्राॅस एवं उसकी सहयोगी संस्थाओं के द्वारा किया जाता है। जगह-जगह रक्तदान शिविर आयोजित करके लोगों को रेडक्राॅस के बारे में जागरूक किया जा रहा है। रेडक्राॅस द्वारा चलाए गए रक्तदान जागरूकता अभियान के कारण ही आज थैलीसिमिया, कैंसर, एनीमिया जैसी अनेक जानलेवा बीमारियों से हजारों लोगों की जान बच रही हैं। संगोष्ठी में चर्चा के दौरान विभिन्न विभागों के फैकल्टीज व विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।

0

Comments

  • No comments made yet. Be the first to submit a comment

Leave your comment

Guest Tuesday, 19 November 2024