AKS University
AKS University, Satna M.P.
एकेएस वि.वि.में Handmade Silk Thread Jewelery पर Webinar
Silk thread सस्ता और क्लासिक है-प्रियंका बागरी,expert
Bengali, earring, necklace के एक से एक नायाब ज्वैलरी को मिला शेप
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के Department of Fashion Designing विभाग के द्वारा Handmade Silk Thread Jewelery पर दो दिवसीय Webinar का आयोजन किया गया जिसमें Handmade Silk Thread Jewelery expert प्रियंका बागरी ने virtual platform पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। उन्होंने महिलाओं की समस्त प्रकार की ज्वैलरी जिसमें Bengali, earring, necklace के साथ एक से एक नायाब ज्वेलरी बनाकर प्रतिभागियों से हुनर शेयर किया। उन्होने कहा कि knowledge spread होने से बढता है और इसी कारण वह सभी प्रतिभागियों के साथ तन्मयता करके सभी गुण हस्तांतरित करती हैं। आत्मनिर्भरता के लिए उन्हांेने कहा कि आप अपना Handmade Silk Thread Jewelery स्टोर खोल सकते है या आर्डर लेकर इन्हें बना भी सकते हैं। उन्होंने पहले दिन बेंगल बनाना और दूसरे दिन ईयर रिंग और नेकलेस बनाना सिखाया।वेबिनाॅर कार्यक्रम को वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी ने संबोधित किया ओर कहा कि Handmade Silk Thread Jewelery का महत्व फैशन में बढ गया है।यह पहनने में हल्की और देखने में सुंदर होती हैं। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष मिर्जा समीउल्ला बेग चुमन यादव अैोर रेनू देवी की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। दो दिवसीय वेबिनाॅर के लिए वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी,कुलपति प्रो.पारितोष के बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन, डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी के साथ वि.वि. के सभी संकायों के डीन, डायरेक्टर्स और फैकल्टीज ने हर्ष व्यक्त करते हुए ट्रेनर और प्रतिभागियों को शुभकामनाऐं दीं है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व वि.वि. में भी Handmade Silk Thread Jewelery expert प्रियंका बागरी ने काफी संख्या में प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया था। कार्यक्रम का संचालन विभागाध्यक्ष मिर्जा समीउल्ला बेग ने किया।
एकेएस वि.वि. के B.Tech. Mechanical Engg.के एक विद्यार्थी का चयन
उपेन्द्र कुमार हुए P.G.Electroplast औरंगाबाद के लिए चयनित
graduate trainee engineer बनकर करेगें कार्य-भविष्य में प्रमोशन के अच्छे अवसर
सतना। P.G.Electroplast औरंगाबाद में एकेएस वि.वि. सतना के B.Tech. Mechanical Engineering के छात्र उपेन्द्र का चयन दो लाख बीस हजार पर एनम के लिए हुआ है। Covid-19 के दौर के बाद भी वि.वि. में Work from Home के लिए वि.वि. के विभिन्न संकाय के विद्यार्थियो के चयन का सिलसिला जारी है, इसी कडी में एकेएस वि.वि. सतना के Faculty of Engineering and Technology, B.Tech. Mechanical Engg. संकाय कें 2020 पास आउट विद्यार्थी उपेन्द्र कुमार सिंह,Junior Engineer के पद पर कार्य करने के लिए चयनित हुए हैं। इनका चयन औरंगाबाद, महाराष्ट्रा रीजन के लिए हुआ है। इनके चयन पर वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी,कुलपति प्रो.पारितोष के बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन, डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी विभागाध्यक्ष इंजी.पंकज श्रीवास्तव के साथ वि.वि. के सभी संकायों के Dean, Directors और B.Tech. Mechanical Engg.संकाय के सभी फैकल्टीज ने हर्ष व्यक्त करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है। विद्यार्थी ने अपने चयन का श्रेय Faculty of Engineering and Technology विभाग B.Tech. Mechanical Engg. के सभी फैकल्टीज के सक्रिय और कुशल मार्गदर्शन को दिया है।
Task Force members of National Education Policy held virtual platform discussion
Satna. In the meeting of 23 members of the implementation committee Task Force of the new education policy, many issues were discussed in depth. The members of the newly formed committee headed by Honorable Education Minister of the state Mr. Mohan Singh Yadav, discussed in detail how new education will happen in MP in the coming years. Hon'ble Minister said that in view of the resources available in the state and the present environment, there is a great need to implement the National Education Policy in a better and planned manner, there is a need to coordinate innovation with India's traditional knowledge. In this direction, autonomous, private and government universities will have to promote research by harmonizing the above mentioned methods. Mr. Yadav said that the new education policy presented by Honorable Prime Minister's leadership and the country's Education Minister Mr. Ramesh Pokhriyal Nishank ji will yield long-term results. On this occasion, Principal Secretary to M.P. Government Shri Anupam Rajan welcomed the members. And highlighted important aspects of policy. He informed that under the new education policy, 8 major points will be discussed on priority. In the program AKS University's. Dr. Harsh Vardhan, who is a respected member of the committee, said that today there is a need that the government should cooperate in developing skill development centers in all the universities of the state with a view to giving priority to grass enrollment ratios and vocational education. The universities which have good IT infrastructure should be allowed to conduct open distance learning and online courses in the wider interest. Discrimination between public and private University to be addressed. As prevalent in different countries of the world, there is a great need for Liberal Arts and Value Based Education. He said that these courses should also be included to eliminate certain anomalies and evils prevailing in the society. Dr. Harshavadharan gave broad views on the approach to achieve excellence in production and employment based on industry-academia interaction, internship and Multidisciplinary research. The presence of Prof. ADN Bajpayee, Prof. Kapil Dev Mishra, S.N. Mishra, Varun Gupta, Raghuraj Tiwari, Umashankar Pachauri, Umesh Hulani, Dr. Ashok Gwal, Dr. S.K. Jain was also notable in the program. The program was conducted by Dhirendra Shukla.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के task force सदस्यों ने की Virtual platform चर्चा
सतना। नवीन शिक्षा नीति की क्रियान्वयन समिति के task force समिति के 23 सदस्यों की बैठक में कई मुददो पर गहन चर्चा हुई। प्रदेश के माननीय शिक्षा मंत्री श्री मोहन सिंह यादव की अध्यक्षता में नवगठित समिति के सदस्यों ने म.प्र. में अगामी वर्षों में नवीन शिक्षा कैसे होगी इस पर विस्तार से चचा्र हुई। माननीय मंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में उपलब्ध संसाधनों तथा वर्तमान वातावरण के देखते हुए क बेहतर एवं सुनियोजित तरीके से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को क्रियान्वित किए जाने की महती आवश्यकता है भारत के पारंपरिक ज्ञान के साथ नवाचार का समन्वय करने की आवश्यकता है। इस दिशा में स्वशासी,निजी व शासकीय वि.वि. को उपर्युक्त तरीकेे से सामंजस्य कर शोध को बढावा देना होगा। श्री यादव ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व और देश के शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक जी द्वारा प्रस्तुत नवीन शिक्षा नीति के दीर्घकालिक परिणाम प्राप्त होंगे। इस मौके पर म.प्र. शासन के प्रमुख सचिव श्री अनुपम राजन ने सदस्यों का स्वागत किया। और नीति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नवीन शिक्षा नीति के अंतर्गत 8 प्रमुख बिन्दुओं पर प्राथमिकता से चर्चा होगी। कार्यक्रम में एकेएस वि.वि. के प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवध्रन जो समिति के सम्मानित सदस्य है ने कहा कि आज आवश्यकता है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिदृष्य में Grass enrollment ratio एवं व्यावसायिक शिक्षा को प्रमुखता देने के दृष्टिकोण से प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों में Skill Development Center विकसित करने में शासन सहयोग करे।जिन विश्वविद्यालयों में आई.टी.की अच्छी अधोसंरचना उपलब्ध है उन वि.वि. को व्यापक हित में Open distance learning व Online पाठ्यक्रमों को आयोजित करने की अनुमति दी जाए।उन्होंने आगे कहा कि बेहतर होगा कि Public व Private Universities का भेद समाप्त करते हुए अधोसंरचना विकास हंतु World bank ओर रुसा के अंतर्गत विश्वविद्यालयों के विकास हेतु अनुदान उपलब्ध कराया जाए और समस्त वि.वि. को University के नाम से संबोधित किया जाए जैसा कि विश्व के र्वििभन्न देशों में प्रचलन है,Liberal arts और value based education की महती आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त कतिपय विसंगतियों एवं बुराइयों को खत्म करने के लिए इन पाठ्यक्रमों का भी समावेश स्नातक स्तर पर किया जाना चाहिए। डाॅ.हर्षवध्रन ने industry-academia interactions, internships,बहुअयामी रिसर्च के आधार पर उत्पादन में श्रेष्टता प्राप्त करने ओर रोजगार उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण पर व्यापक विचार रखे। कार्यक्रम में प्रो.एडीएन बाजपेयी,प्रो.कपिलदेव मिश्रा,एस.एन.मिश्रा,वरुण गुप्ता,रघुराज तिवारी,उमाशंकर पचैरी,उमेश हुलानी,डाॅ.अशोक ग्वाल,डाॅ.एस.के.जैन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम का संचालन धीरेन्द्र शुक्ला ने किया।