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एकेएस विश्वविद्यालय सतना के विवेकानन्द सभागार में गत दिवस मंडला आर्ट पर एक विशेष Workshop का आयोजन किया गया इस अवसर पर विशेषज्ञों ने मंडला आर्ट की उत्पत्ति पर चर्चा करते हुए कार्यक्रम के प्रारंभ में बताया कि इसकी उत्पत्ति हिन्दू धर्म और बुद्धत्व से हुई है। यह आर्ट लगभग 2500 वर्ष पुरानी है। मंडला आर्ट बनाने के दौरान शांति की अनुभूति होती है और यह एकाग्र शक्ति भी बढ़ाता है। इसके सबसे प्रचलित और प्राचीन रूपों में मंडला आर्ट एक कला है जिसको बारीक पैटर्न की सिमेट्री पर बनाया जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हर पैटर्न अंत में एक विशाल गोलाकार आकृति पर समाप्त होता है। मंडला आर्ट का शुरूआती बिन्दु और आंतरिक पैटर्न गोल ही होता है। यह तनाव और एन्जाइटी को दूर करने में सहायक होती है। वर्कशाप के दौरान विश्वविद्यालय की फैकल्टीज के साथ 50 से ज्यादा छात्रों ने सहभागिता दर्ज कराई इन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम में Fashion Designing की Faculty चुमन यादव और आकांक्षा धनवानी ने Coordinate किया जबकि कन्वेनर अभिनव श्रीवास्तव ,विभागाध्यक्ष के मार्गदर्शन में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।