एकेएस वि.वि. सतना के सभागार में डाॅ. दिनेश एम. पंडित, एमबीबीएस, एम.एस.सर्जरी, अमेरिका, मूल निवासी, आनंद गुजरात, श्री 108 प्राणनाथ जी मंदिर ट्रस्ट,पन्ना के न्यासी एवं चेयरमैन प्रणामी धर्म के धर्मगुरु का वि.वि. के प्रासार में बुधवार को आगमन हुआ उन्होंने कहा कि मानव सेवा ही सर्वोपरि धर्म है सभी संस्थानों में ेंपहले स्टूडेन्टस का चरित्र निर्माण करना होगा फिर नैतिक मूल्यों की शिक्षा देकर उन्हें Science और Technology से परिचित करने से सुदर समाज का निर्माण होगा। उन्होने वि.वि. की लगातार प्रगति की कामना करते हुए कहा कि वि.वि. में संस्कार और शिक्षा का उचित समन्वय है।
अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि ईश्वर की श्रृष्टि के हम सिर्फ निमित्त
डाॅ.पंडित ने कहा कि हमे जो भी सत्ता व संपत्ति मिली हे वह ईश्वर की ही है उनका उपयोग सही रुप में सही व्यक्ति के लिए करना चाहिए। खुशी का मूलमंत्र यह है कि आपको कभी मुडकर दुःखी न होना पडे। मै स्वयं जब मंदिर जाता हूॅ तो कुछ माॅगने का दूस्साहस नहीं करता हूॅ बल्कि भावविभेार होकर ईश्वर का धन्यवाद करता हूॅ कि हे ईश्वर आपने मेरा चयन इस कार्य के लिए किया जीवन ही ईश्वर की देन है तो उसका समर्पण उसे ही करना है।उनका भी गरीबी और लाचारी से साक्षात्कार हो चुका ह, इसीलिए जब ईश्वर ने डाॅ.पेडित को सेवा का अवसर दिया तो मैने पददलितों ओर मजलूमो की सेवा को अपना मिशन बना लिया। सेवा के कार्य को मैने दोनो हाथों से लपक लिया और अजब संयोग है कि 28 वर्ष की वय से प्रारंभ हुआ यह सफर अब 82 वर्ष में भी ईश्वर की इच्छा से कर पा रहा हूॅ। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि मानव सेवा ही नारायण की सेवा है। आपको अपनी सामथ्र्य के अनुसार मदद के लिए परिवार, समाज, देश में लोग मिल जाऐगें। आप अगर कहीं जाते हो और उल्लास की तरंगें न फैले, खुशी महसूस न हो तो समझो आपको सकारात्मक बदलाव की जरुरत है। उन्होंने सभागार को संबोधित करते हुए कहा कि सबसे सेवक धर्म कठोरा इसे सरल न मानों,गृरुर न आए बल्कि सेवा बढे तो कल्याण ही होगा।बिना परमात्मा की कृपा से कुछ भी संभव नहीं हो पाएगा। उन्होंने विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण पर जोर दिया और जब उन्हे बताया गया कि एकेएस वि.वि. के कुलाधिपति माननीय वी.पी.सोनी जी ने धरती को सुरक्षित रखने के लिए विश्व सरकार की संकल्पना की है तो उन्होंने इस बात के लिए उन्हें साधुवाद दिया। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उनके कार्यो से परिचित हैं।उन्होंने छात्रों को कहा कि निर्धारित समय में लिए गए संकल्प पूर्ण करने का प्रयास करें।
ये हैं उनकी उपलब्धियों की फेहरिश्त
चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डाॅ.दिनेश एम. पंडित को महामहमि राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। वह गुजरात की विभिन्न सेवा संस्थानों में सक्रिय भूमिका का निर्वहन करते हैं। आचार्य मंडल गुजरात के अध्यक्ष हैं। रोटरी क्लक के सदस्य जहाॅ इन्हें विलक्षण प्रमुख का सम्मान मिला। 2003 से पूर्व बतौर न्यासी कार्य करने के बाद पुनः अब 2003 से श्री 108 प्राणनाथ जी मंदिर ट्रस्ट,पन्ना के न्यासी एवं चेयरमैन के पद पर कार्यरत है। अब तक डेढ लाख से ज्यादा मरीजों की उन्होंने सर्जरी की है और सैकडों कैंपों के माध्यम से गरीब ,निराश्रित और बेसहारा लोगों की मदद लगातार कर रहे हैं।पन्ना के जिला अस्पताल में 2 कैंप ओर पाॅच सौ मरीजो का उपचार और 6 मेगा सर्जिकल कैंप जिसमें अमेरिका के डाॅक्टर्स ओर Medical Staff के साथ उन्होंने मुफ्त इलाज प्रदान किया है। 82 वर्ष की उम्र के बाद भी सेवा ही उनका मिशन है। एकेएस वि.वि. के विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इस जगत मे करोडों डाॅक्टर हैं स्वयं के लिए जीना धर्म नहीं है, डाॅक्टर्स को बहुजन हिताय की चिंता करनी चाहिए।माघ्यम बनिए,सब ईश्वर करता है।उन्होने वि.वि. के Biotech Lab की Visit करते हुए उसे उच्च्स्तरीय बताया।और अपने अनुभव भी विजिटर्स बुक में नोट करते हुए हर्ष व्यक्त किया। कार्यक्रम के दौरान मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी पधारे और डाॅ. पंडित का सम्मान किया और डाॅ.पंडित के कार्यो की सराहना की। उन्होंने अलग विन्ध्य प्रदेश निर्माण के अपने कार्य पर जानकारी से उपस्थितजनों को अवगत कराया और कहा कि यहाॅ संसाधनो की प्रचुरता है। उल्लेखनीय है कि वह पुथक विन्घ्य प्रदेश के लिए विभिन्न संस्थानों में जाकर संवाद कर रहे हैं। दोनो अतिथयों को कार्यक्रम का स्मृति चिन्ह, मोमेन्टो,शाॅल एवं श्री फल देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में स्वामी विश्वानंद जी, धर्मगुरु, गुजरात, वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन, डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी, डायरेक्टर अमित कुमार सोनी के साथ अनेक वरिष्ठजन उपस्थित रहे।