सतना। एकेएस विश्वविद्यालय, सतना में के सभागार में विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । व्याख्यान के बाद छात्राओं के मध्य भाषण प्रतियोगिता भी रखी गई। महिला बाल विकास विभाग की मिथलेश पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा माँ का दूध बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने में सहायक होता है। रमा शुक्ला ने कहा कि माॅ का दूध नवजात के लिए अमृत तुल्य है 6 माह तक बच्चे को माॅ का दूध ही पिलाऐं। डाॅ. शैला तिवारी ने कहा कि मातृत्व प्राप्त करने वाली महिलाओं में अधिकांशतः यह गलत धारणा है कि यदि वे अपने नवजात शिशु को स्तनपान कराएगी तो उनका शरीर बेडौल हो जाऐगा यह विचार पूर्णतः गलत है माँ के दूध में सभी पोषकतत्व पाए जाते है जो बच्चों को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते है। वर्षा सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा कि बच्चों को कुपोषण से बचाना है तो शिशु को जन्म के एक घंटे के अंदर माँ का दूध अवश्य पिलाये जो शिशु में रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।ममता सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि देश का बच्चा कुपोषण से मुक्त रहे।निशा खरे ने कहा कि माँ का दूध बच्चे के लिए सर्वश्रेष्ठ आहार है। कार्यक्रम के अन्त में भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरुस्कार वितरण किया गया जिसमें अव्व्ल रंजना, बी.एस.सी बायोटेक ,द्वितीय पारितोषिक नेहा गौतम फार्मेसी, तृतीय प्राची सिंह इलेक्ट्रिकल को प्रदान किया गया। इस मौके पर फैकल्टी अश्विनी वाऊ,इंजी. रमा शर्मा, शिखा त्रिपाठी, नीता, नीलम प्राची सिंह की उपस्थित उल्लेखनीय रही।