एकेएस विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधिता दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों के बीच जैव विविधता संरक्षण से सम्बन्धित निबन्ध लेखन, वाद-विवाद एवं परिचर्चा आयोजित की गई। जिसमें छात्र-छात्राओं ने वर्तमान परिवेश में जैव विविधता के महत्व एवं मूल्यों पर अपने विचार उद्घृत किये। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष पर्यावरण विज्ञान विभाग डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1993 से अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधिता दिवस का आयोजन 29 दिसम्बर को किया जाता रहा है। उन्होंने जन-मानस व हमारे आस-पास मौजूद जैव विविधता की उपयोगिता और उनके अतिदोहन के कारण एवं उन पर छाये संकट पर विस्तार से जानकारियाँ शेयर की। उन्हांेने बताया कि मध्यप्रदेश शासन की जैव विविधता बोर्ड द्वारा सम्पादित प्रोजेक्ट के माध्यम से भी लोगों में आई.ई.टी. (रेयर इन डेन्जर्स थ्रेटिंड) की प्रजातियों के संवर्धन, उनके मूल्यों आदि पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिससे की वे इनके संरक्षण के प्रति सचेत हो सके और इनके महत्व और मूल्यों का उपयोग आने वाले समय में कर सके। फैकल्टी सुमन पटेल ने कहा कि जैव विविधता सस्टेनेबल डेव्हलपमेंट में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। अतः हम सबको उनके संरक्षण में तत्पर रहना चाहिए। निलाद्री शेखर राय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा मानव की बढ़ती हुई जनसंख्या और इससे उत्पन्न अन्य प्रभावों जैसे नगरीकरण एवं औद्योगिकीकरण जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण खतरे है। रिसर्च फैलो भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा जैव विविधता संरक्षण के प्रति अधिक जागरूक है। अतः उनके संरक्षण के लिए विभिन्न वैज्ञानिक विधियों एवं प्रयासों को उन तक पहुँचाना आवश्यक है। इस अवसर पर सभी संकायों के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहें।
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