b2ap3_thumbnail_unnamed-1_20150626-053625_1.jpgबैंचलर इन फार्मेसी एवं बायोटेक्नालाॅजी के पाठ्यक्रमों में प्रायोगिक कार्यो के लिए विश्वविद्यालय द्वारा अत्याधुनिक ‘‘एनीमल हाउस लैबोरेटरी’’ का निर्माण करवाया गया है। जिसका प्रारम्भिक निरीक्षण सी.पीसीएसईए, नई दिल्ली के नाॅमिनी डाॅ. एस.सी. दुबे जो कि आई.सी.ए.आर के कन्सलटेन्ट एवं पूर्व संयुक्त संचालक, नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ हाई सिक्योरिटी एनीमल डिसिजेज द्वारा 22 जून को किया गया।
डाॅ. दुबे द्वारा विश्वविद्यालय की इस आधुनिक लैब में जाकर समस्त व्यवस्थाओ का अवलोकन किया गया एवं व्यवस्था के सम्बन्ध में अपना संतोष व्यक्त किया। ज्ञातव्य है कि फार्मेसी के अंतर्गत मानव हित के विविध परीक्षण, एवं औषधीय परीक्षण किये जाते है। औषधीय परीक्षण जो मानव के लिए लाभकारी हो सकते है, इसे प्रथमतः कुछ चुने हुए एनीमल पर ट्रायल के रूप में किया जाता है। यह प्रयोग विशेषतः चूहों एवं खरगोश पर किये जाते है। इनके अनुकूल एवं प्रतिकूल प्रभाव के आधार पर औषधियों का निर्माण लैब में किया जाता है।
विश्वविद्यालय द्वारा इस प्रकार परीक्षणों को सफलता पूर्वक करने के लिए छात्रों की आवश्यकता के अनुरूप यह निर्माण कार्य सी.पी.सी.एस.ई.ए, नई दिल्ली के मापदंडों के आधार पर किया गया।
‘‘एनीमल हाउस लैब’’ का सम्पूर्ण निरीक्षण का दायित्व फार्मेसी विभागाध्यक्ष प्रो. सूर्य प्रकाश गुप्ता एंवं फार्मेसी के फैकल्टीज अंकुर अग्रवाल, प्रियंका गुप्ता के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ पारितोष के. बानिक, चेयरमैन इंजी. अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ0 हर्षवर्धन, प्र्रतिकुलपति डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी, डीन डाॅ. आर.पी.एस. धाकरे द्वारा इस लैब के निर्माण के एवं प्रमाणिकता के लिए फार्मेसी विभाग को बंधाई दी है।
मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना