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फैकल्टी डेव्हलपमेंट का समापन सत्र रहा ज्ञानवर्धक

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न संकायों के फैकल्टीज के उन्नयन की दिशा में फैकल्टी डेव्हलपमेंट कार्यशाला के ‘‘द्वितीय दिवस’’ पर डाॅ. सी.के. टेकचन्दानी एवं प्रो. एस.पी. गुप्ता तथा के.पी. चैरे ने अपने प्रभावी उद्बोधन में कहा कि ‘‘सच्ची शिक्षा के दो लक्ष्य है एक बुद्धिमत्ता और दूसरा चरित्र’’ उन्होंने अपने उद्बोधन में टीचिंग मैथड्स, कम्यूनिकेशन स्किल्स, टीचिंग स्ट्रक्चर, लेक्चर प्रेजेन्टेशन स्किल्स, लेक्चर इन्फाॅरमेशन एंड मैटेरियल, प्रैक्टिकल लेबोरेट्री बेस्ट क्लासेस जैसे- विषयों पर व्याख्यान दिया। इसी क्रम में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डाॅ. एस.एस. तोमर ने समापन समारोह के दूसरे सत्र में कहा कि ‘‘शिक्षा की जडे़ कड़वी है लेकिन फल बहुत मीठा है।’’ उन्होंने इफेक्टिव वे आॅफ टीचिंग, टीचिंग टेक्निक, क्लास एक्टिविटी, स्टैण्डर्ड वाइज टीचिंग, टीचिंग टेªनिंग जैसे विषयों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर समस्त विभागों के फैकल्टीज उपस्थित रहें।

समापन सत्र् के अवसर पर मुख्य अतिथि डाॅ. आ.पी.एस. धाकरे, अध्यक्ष डाॅ. जी.के. प्रधान, विश्वविद्यालय अतिथि इंजी. आर.के. श्रीवास्तव, इंजी. डी.सी. शर्मा एवं आयोजक आर.एन. त्रिपाठी तथा संयोजक संचालक डाॅ. आर.एस. मिश्रा ने अपने उद्बोधनों से शिक्षकों को अकादमिक गुणवत्ता के उच्च आयाम प्राप्त करने के महत्वपूर्ण सूत्र बताये।

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सीमेंट टेक्नालाॅजी के छात्र एन.़सी.सी.बी.एम में

एकेएस विश्वविद्यालय के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने एसिया के सबसे बडे आर. एण्ड डी. आर्ग. ‘‘नेशनल काउंसिल आॅफ सीमेन्ट एडं बिल्डिंग मेटेरियल, बल्लभगढ़’’के टेªनिंग कार्यक्रम की शुरुआत की जबकि प्रारंभिक उदबोधन मे ‘‘नेशनल काउंसिल आॅफ सीमेन्ट एडं बिल्डिंग मेटेरियल, प्रमुख एस अग्रवाल ने क्लिंकर के बारे मे जानकारी दी । एकेएस के सीमेन्ट टेक्नालाॅजी (डिप्लोमा) विभाग के चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थी एन.सी.सी.बी.एम के पाइरो प्रोसेंिसंग के तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए ‘‘नेशनल काउंसिल आॅफ सीमेन्ट एडं बिल्डिंग मेटेरियल, बल्लभगढ़’’ के लिए सीमेंट टेक्नालाॅजी के डायरेक्टर डाॅ. जी.सी. मिश्रा एवं अनुज वर्मा के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण के लिए रवाना हुए। विद्यार्थियों को इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में सिम्यूलेशन प्रशिक्षण दिया जाएगा। विद्यार्थियों का पहला बी.पी. नामदेव के मार्गदर्शन में 6 जुलाई को रवाना हुआ। जबकि दूसरा दल 9 जुलाई को असिस्टेन्ट प्रोफेसर राकेश सिंह के मार्गदर्शन में बुधवार को रवाना हो रहा है। विद्यार्थियांे का अन्तिम समूह 13 जुलाई को दिनेश मिश्रा के मार्गदर्शन में ‘‘नेशनल काउंसिल आॅफ सीमेन्ट एडं बिल्डिंग मेटेरियल, बल्लभगढ़’’ के लिए रवाना होगा। गौरतलब है कि एकेएस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी लार्निंग व्हाइल डूइंग की तर्ज पर कोर्स के दौरान ही जाॅब रेडी होते है और सत् प्रतिशत प्लेसमंेट भी इस बात की तस्दीक करते है। सीमेंट टेक्नालाॅजी के डायरेक्टर जी.सी. मिश्रा जी ने बताया कि विद्यार्थियों को कम्प्यूटर साॅफ्टवेयर द्वारा सीमेन्ट मैन्यूफेक्चरिंग कन्ट्रोल करने की सम्पूर्ण विधि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जो कॅरियर के लिहाज से काफी अहम होगा।

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एकेएसयू में फैकल्टी उन्नयन कार्यशाला का आयोजन

सतना। एकेएस युनिवर्सिटी सतना में एज्युकेशन विभाग द्वारा विभिन्न संकायों की फैकल्टीज के उन्नयन की दिशा में दो दिवसीय फैकल्टी डवेलपमेंट कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए डाॅ. आर.एन. त्रिपाठी ने कहा ‘‘विद्या अमूल्य और अनश्वर धन है।’’ इसी क्रम में कार्यक्रम का संचालन करते हुए डाॅ. आर.एस. मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘‘शिक्षा जीवन की तैयारी का शिक्षण काल है’’ ‘‘एक शिक्षक को कांसेप्ट, नाॅलेज, ट्रांसमिशन और रिसीवर चारों बिंदुओं पर विचार करना चाहिए तब जाकर शैक्षणिक शैली विकसित हो पायेगी। यह कार्यशाला सभी के लिये एक अनुभव की पाठशाला है।’’ मुख्य अतिथि इं. आर.के. श्रीवास्तव ने कहा कि ‘‘एक शिक्षक में शिक्षकीय गुण होना परम आवश्यक हैं। साथ ही शिक्षक के लिये फीडबैक लेना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होनी चाहिए।’’ उन्होंने शिक्षकों की दक्षता संवर्धन हेतु दिशा निर्देश दिये।

प्रथम सत्र में टीचिंग मैथेडोलाॅजी पर चर्चा

कार्यशाला के प्रथम सत्र में इंजीनियरिंग फैकल्टी डी.एस. माथुर एवं आर.सी. शर्मा ने वर्तमान परिवेश में शिक्षा व्यवस्था एवं इसकी समस्याएं व शिक्षकों द्वारा किये जाने वाले निवारण, शैक्षणिक विधियां, शैक्षणिक प्रस्तुतिकरण, मनोवैज्ञानिक तरीके की शिक्षण व्यवस्था एवं छात्रों की रुचियों को ध्यान में रखते हुए उन तक अपनी बात पहुंचाने जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की।
द्वितीय सत्र में फैकल्टी क्वालिटी इंडेक्स पर चर्चा
कार्यशाला के द्वितीय सत्र में कृषि संकाय के अधिष्ठाता डाॅ. के.आर. मौर्य ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में शिक्षक के व्यक्तित्व, शिक्षण विधियों एवं शिक्षण कौशल पर विस्तृत प्रकाश डाला एवं प्रभावी शिक्षक के गुंण बताते हुए फैकल्टीज को इन्हें अपनाने की सलाह दी। मैनेजमेंट फैकल्टी डाॅ. कौशिक मुखर्जी ने शैक्षणिक मापदंड, अकेडिमिक रिसर्च, टीचिंग डेफिनीशन, कंटेंट डिलेवरी, प्रेजेन्टेशन, क्लास मैनेजमेंट जैसे विषयों पर पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन दी।

ये रहे उपस्थित

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एकेएसयू के विभिन्न संकायों के फैकल्टीज के लिए फैकल्टी डेवलपमेंट वर्कशाप का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में सभी संकायों के फैकल्टीज उपस्थित रहेंगे। विद्यार्थियों को एज्युकेशन की विशिष्ट पद्धति से परिचित कराने के लिये ये कार्यशाला काफी महत्वपूर्ण है। कार्यशाला के संयोजक डाॅ. आर.एस. मिश्रा, विभागाध्यक्ष बी.एड.रहेंगे। जो फैकल्टीज को इस दिशा में विषय से परिचित करायेंगे। इस बात की जानकारी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने दी।

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 एक्सीलेंस प्रायवेट यूनिवर्सिटीइन इन 2014 के दर्जे से नवाजी जा चुकी एकेएस यूनिवर्सिटी सतना अपने विद्यार्थियों के विकास के प्रति प्रतिबद्ध रहते हुए समय-समय पर विद्यर्थियों के लिये सेमिनार, वर्कशाप, गेस्ट लेक्चर और विजिट के माध्यम से विषय का समुचित ज्ञान कराती है। इसी परिपेक्ष्य में एकेएस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड लिमि. कार्यालय बिलासपुर में अवकाश के दौरान बिना भुगतान के अध्ययन बावत जा रहे हैं। विद्याथियों का प्रशिक्षण 28 दिवसीय है। विद्यार्थी बैकुण्ठपुर छत्तीसगढ़ में प्रेक्टिकल ट्रेनिंग करेंगे। इनमें ये विद्यार्थी शामिल हैं - संजीव कुमार सिंह, पंकज कुमार शर्मा, दीपक द्विवेदी, अश्विनी कुमार प्रजापति, मो. राहिब, अभिषेक शर्मा, प्रशांत कुमार सिंह, दीपक साहू इत्यादि हैं। इस बात की जानकारी देते हुए एकेएसयू के माइनिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान ने बताया कि विद्यार्थी एसईसीएल की खदान एवं इकाइयों मे कार्य करेंगे। और विषय का समुचित ज्ञान प्राप्त करेगें जो उनके कैरियर के लिये काफी अहम् साबित होगा।

एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में वल्र्ड जूनोसेस डे पर हुई संगोष्ठी

सतना। विध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस यूनिवर्सिटी सतना अपने विद्यार्थियों के शैक्षणिक, सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा के साथ ही आध्यात्मिक सर्वांगीण विकास हेतु कटिबद्ध रहते हुए समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती है। एकेएसयू के एनवायरमेंट साइंस विभाग द्वारा वल्र्ड जूनोसेस डे (विश्व पशुजन्य रोग दिवस) के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें एनवायरमेंट साइंस के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र तिवारी ने बताया कि जूनोटिक रोग स्वाभाविक रूप से हड्डी वाले जानवरों से मनुष्यो के बीच संचारित एक संक्रामक रोग है। भारत एक कृषि प्रधान देश है। 80 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण आबादी पशुओं के साथ निकट संयोग में रहती है। इस तरह मनुष्यों में रोगों के संचरण की संभावना अधिक पाई जाती है। जूनोटिक रोगों के निवारण एवं देखाभाल के लिये लोगों में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। डब्ल्यूएचओ ने जोनेटिक रोगों की रोकथापपूर्ण चेतावनी और प्रतिक्रिया प्रणाली का सुझााव दिया था। कुछ उभरती हुई बीमारियां 75 प्रतिशत जूनोसेस के कारण होती हैं जैसे - जापानी इन्सेफेलाइटिस, लेप्टो इस्पाईरोसेस, स्वाईन फ्लू, बर्ड फ्लू। इस अवसर पर समस्त विभागों के फैकल्टीज एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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