
AKS University
AKS University, Satna M.P.
सतना। एकेएस वि.वि. के मैनेजमेंट विभाग द्वारा सरस्वती पूजन का आयोजन किया गया। दाॅऐ हाथ की तीसरी अॅगुली मे हल्दी,चंदन व रोली के मिश्रण को माॅ सरस्वती के चरणों एवं मस्तक पर लगाया गया और जलअर्पण किया गया। फूलों की वर्षा करके माॅ की आराधना की गई। बसंत पंचमी के पावन मौके पर मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ वेदी के समक्ष माॅ सरस्वती का भव्य पूजन किया गया। वि.वि. के मैनेजमेंट के विद्यार्थियों ने इस अवसर पर शानदार रंगोली बनाई इसकी अतिथियों ने प्रसंशा की। इस मौके पर संगीत की मधुर लहरियों के बीच आध्यात्मिक रामायण सुदरकांड पाठ का आयोजन किया गया जिसमे सुर,ताल और लय के बीच विद्यार्थियों ने भी सहभागिता निभाई। हवन और पूजन के दौरान एकेएस वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी के साथ वि.वि. के समस्त संकाय के शिक्षकों और वि.वि.परिवार के तमाम शिक्षकों ने सक्रिय सहभागिता दर्ज कराई। आयोजन के दौरान मैनेजमेंट विभागाध्यक्ष डाॅ. कौशिक मुखर्जी,डाॅ.प्रदीप चैरसिया,मि.शीनू शुक्ला,प्रमोद द्विवेदी, प्रकास सेन,विजय चतुर्वेदी,श्वेता सिंह, डाॅ.धीरेन्द्र ओझा, डाॅ असलम सईद, सच्चिदानंद, रितिका बंसल की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इन्होंने कार्यक्रम की रुपरेखा तय की। अंत में मैनेजमेंट विभागाघ्यक्ष ने सभी का आभार व्यक्त किया प्रसाद वितरण किया गया सभी ने हवन किया।
वसंत क्या है पर दी गई छात्र-छात्राओं को जानकारी
प्रकृति का संगीतमयी पर्व वसंत पंचमी गरिमा,हर्ष व उल्लास के साथ मनाया गया और इसके बारे मे जानकारी भी प्रदान की गई। गौरतलब है ऋतुओं के राजा ऋतुराज अर्थात बसंत पंचमी का पर्व माघ मास मे शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन श्रद्वा और आस्था के साथ मनाया जाता है। एकेएस वि.वि. मे विद्या की अधिष्ठात्री देवी माॅ सरस्वती की पूजा कर शरद ऋतु को विदाई दी गई हिन्दू पंचांग के अनुसार पुराने साल की विदाई ओर नए साल का संधिकाल होता है बसंत पंचमी,ऐसा माना जाता है कि हिन्दू वर्ष की शुरुआत होते ही आम के पेंडों मे बोर आ जाते हैं तो खेतों में सरसों और गेंहू की फसलें लहलहाने लगती हैं और किसान इन्हें देखकर झूम उठता हे और झूम उठती है प्रकृति कहने का तात्पर्य है कि सावन और बसंत में ही प्रकृति की सुषमा निखर जाती हैऔर पर्वत आदि भी उमड पडते हैं।पीला रंग हिन्दुओं का शुभ रंग है
सतना। विंध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय,सतना के फैकल्टी आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाॅजी के सीमेन्ट टेक्नोलाॅजी विभाग द्वारा ड्यूरेबल कांक्रीट मेकिंग प्रेक्टिसेस विषय पर 6 दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया। कार्यक्रम 15 जनवरी से 20 जनवरी तक अनवरत चला।
विषय ‘ड्यूरेबल कांक्रीट मेकिंग प्रेक्टिसेस‘ पर विशेषज्ञों ने रखी राय
इंडियन सीमेन्ट इण्डस्ट्री पर प्रो. जी.सी. मिश्रा ने विस्तृत व्याख्यान दिया उन्होने बताया कि सीमेंन्ट इंडस्ट्री निरंतर बढ रही है। प्रो. के.एन. भट्टाचार्य ने ओव्हर व्यू आॅफ द पोर्टलैण्ड सीमेन्ट मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस, क्लिंकर केमेस्ट्री एण्ड इट्स इम्पैक्ट आॅन सीमेन्ट कांक्रीट पर उपस्थित प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी दी। प्रेक्टिकल डिमोस्ट्रेशन एण्ड हैण्ड्स आॅन ट्रेनिंग के दौरान टेस्टिंग आॅफ सीमेन्ट फाइननेस, स्टैण्डर्ड कंसिस्टेंसी सेटिंग आॅटो डेव और सीविंग पर लैब में प्रेक्टिकल परफार्म करवाये। 16 जनवरी को प्रो. भट्टाचार्य ने टाइप्स आॅफ सीमेंट एण्ड इट्स एप्लीकेशन क्वालिटी आॅफ सीमेन्ट एण्ड कोडल प्रोवीजन्स पर व्याख्यान दिया। प्रो. जी.सी. मिश्रा ने हाइड्रेशन मैेकेनिज्म आॅफ पोर्टलैण्ड सीमेन्ट एण्ड स्ट्रेंथ डेव्हलपमेंट पर व्याख्यान दिया। हैण्ड आॅन प्रेक्टिकल के दौरान टेस्टिंग आॅफ सीमेन्ट पर सेटिंग टाइम और सीमेन्ट साउण्डनेस टेस्ट पर प्रेक्टिकल हुआ। 17 जनवरी को प्रोडक्शन आॅफ पोर्टलैण्ड पोजोलाना सीमेन्ट एण्ड इट्स परफार्मेंस इन कांक्रीट पर व्याख्यान हुआ। कास्टीटुएंट्स एण्ड एप्लीकेशन इन कांक्रीट पर व्याख्यान के बाद फिजिकल टेस्टिंग आॅफ सीए एण्ड एफए में फ्लैकिनेस एण्ड एलोंगेशन ग्रेडिंग आॅफ एफए एण्ड सीए के साथ स्लम्प टेस्ट करवाया गया। इफेक्ट आॅफ केमिकल एड मिक्चर पर भी प्रेक्टिकल हुआ। टेªनिग सेशन की अगली कड़ी में पाॅचवें दिन ग्रेड आॅफ कांक्रीट एण्ड कांक्रीट मिक्स डिजाइन के साथ ड्यूरेबिलिटी आॅफ कांक्रीट एण्ड एक्सेप्टेंस क्राइटेरिया के बाद लैब में डिटर्मिनेशन आॅफ क्ले एण्ड सिल्ट इन वाटर काॅम्पेक्शन और कांक्रीट मिक्सिंग पर व्याख्यान के साथ कांक्रीट मेकिंग टेक्नोलाॅजी क्वालिटी कंट्रोल ड्यूरिंग कांस्ट्रक्शन के साथ लैब में कांक्रीट क्यूब मेकिंग टेक्निक कांप्रेसिव टेस्ट आॅफ सीमेन्ट मोर्टार क्यूब के बाद अंतिम कड़ी में मार्केटिंग स्ट्रेटेजी आॅफ सीमेन्ट पर विस्तृत जानकारी दी गई।सीमेंन्ट खरीदने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स एवं ग्राहकों को भरपूर सटिस्फेक्शन हो और अगर वह शिकायत करें तो उसे कैसे हैण्डल करें इस पर भी विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। लैब में क्लास टेस्ट आॅर समूह चर्चा के बाद 5 दिनों के कार्यक्रम का मूल्यांकन किया गया। प्रतिभागियों का कहना था कि ट्रेनिग सेशन कार्यक्रम जानकारीपूर्ण, उद्देश्यपूर्ण और सारगर्भित रहा। इसी तरह का प्रशिक्षण एकेएस वि.वि. के द्वारा प्रिज्म सीमेंन्ट,अल्ट्राटेक सीमेंन्ट और अन्य सीमेंन्ट कंपनियों के इंजीनियर्स को प्रदान किया गया है केजेएस सीमेंन्ट के सीमेन्ट उत्पादन के अन्य पार्टिसिपेंन्टस अगली ट्रेनिंग मे पार्टिसिपेट करेंगे। पहली टेªनिंग के दौरान 16 प्रतिभागयिों की टेªनिग हुई और केजेएस के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन अहलूवालिया ने टेªनिग को प्रतिभागियों के लिए शानदार सीखने वाला अनुभव बताया था।उन्होने कार्यक्रम की गरिमा भी बढाई थी।दूसरे टेªनिंग सेशन में भी 16 प्रतिभागी शामिल हुए।
मौके को इन अतिथियों ने प्रदान की गरिमा
समापन कार्यक्रम के दौरान एकेएस वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, केजेएस सीमेंन्ट से हेम पाण्डेय, पंकज सिन्हा, वि.वि. के प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन श्रीवास्तव, डाॅ. आर.एस त्रिपाठी, प्रो.आर.एन.त्रिपाठी,इंजी. प्रो. जी.सी. मिश्रा, प्रो. के.एन. भट्टाचार्य ने अपने विचार रखे।इस मौके पर वि.वि. के सीमेंन्ट टेक्नाॅलाॅजी के फैकल्टीज एवं केजेएस के 16 मार्केटिंग आॅफिसियल्स की उपस्थिति उल्लेखनीय रही कार्यक्रम का ओव्हरव्यू प्रो.जीसी.मिश्रा ने प्रस्तुत किया कार्यक्रम का संचालन रवि पाण्डेय ने किया।
सतना। विंध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय सतना में स्पिक मैके संस्था के तत्वावधान में गुरुवार को पद्श्री अवार्ड से विभूषित ओडिसी नृत्यांगना माधवी मुद्गल द्वारा मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी गई।
शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति रही मनमोहक
पद्मश्री नृत्यागना माधवी मुद्गल ने एकेएस वि.वि. के मंच से प्रस्तुति दी। प्रस्तुति के दौरान उन्होंने समूचे नृत्य का भाव भंगिमा के साथ प्रस्तुतिकरण किया। नृत्य के दौरान सौंदर्य और महारथ का बेजोड़ नमूना देखने के लिये मिला। थिरकते कदमों, नेत्रों की भंगिमाओं और तन-मन से की गई प्रस्तुति ने सभागार में उपस्थित सभीजनों का मन मोह लिया। नृत्य की प्रस्तुति के बाद उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर वि.वि. परिवार के वरिष्ठजन छात्र छात्राओं के साथ उपस्थित रहे और प्रस्तुति का लुत्फ उठाया।
साझा किये अपने अनुभव
पद्मश्री नृत्यागना माधवी मुद्गल ने कहा कि शास्त्रीय नृत्य उनके लिये पूजा है, जो सौंदर्य से परिपूर्ण है। ओडिसी नृत्य लातित्य और सौंदर्य का समागम है। पुरातात्विक साक्ष्यों की बात मानें तो सबसे पुराने नृत्य रूपों को अलग ढंग से प्रस्तुत किया जाता है। उन्होंने एकेएस वि.वि. में लगभग 50 मुद्राओं के माध्यम से नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि शास्त्रीय नृत्य का प्रसारण होना चाहिये जिससे इसे अलग पहचान मिले। उन्होंने देश विदेश के शोज के अनुभव भी शेयर किये। युवाओं को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि परिस्थितियां कैसी भी हों अपनी और अपने देश की अस्मिता को बनाए रखें।
संगत में ये कलाकार रहे शामिल
स्पिक मैके सोसाइटी फार प्रमोशन आॅफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एण्ड कल्चर अमंग्स यूथ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उनके साथ संगत कलाकार के रूप में पखावज पर दीपेन्द्र कुमार, गायन पर मनीकुन्तला भौमिक, सितार पर यार मोहम्मद और सह कलाकार सलाखा राय रहीं।
कई अवार्डों से नवाजी जा चुकी हैं माधवी मुद्गल
शास्त्रीय नृत्यांगना माधवी मुद्गल 1990 में भारत सरकार के पद्मश्री सम्मान से सम्मानित हो चुकी हैं। 4 अक्टूबर 1991 में जन्मी मुद्गल ओडिसी नृत्यांगना हैं परंतु वे भरतनाट्यम, कथक पर भी समान अधिकार रखती हैं। 68 वर्ष की आयु में भी ओडिसी तथा शास्त्रीय नृत्य की प्रशिक्षक वह वर्तमान में भी हैं। मुद्गल को अब तक कई अवार्डों से नवाजा गया है जिनमें 1984 में संस्कृति अवार्ड, 1990 में पद्श्री अवार्ड, 1996 में उड़ीसा संगीत नाटक अकादमी अवार्ड के साथ और कई पुरस्कार उन्हें प्राप्त हो चुके हैं।एंकर कुलदीप सक्सेना ने सभी उपस्थितजनों एवं वरिष्ठजनों के परिचय दिया जबकि इंजी. आर.के. श्रीवास्तव ने एकेएस वि.वि. की तरफ से सभी उपस्थितजनों का आभार व्यक्त किया।
AKS, University, the educational pride of Vindhya region, has always been encouraging its Faculty Members to represent the University in national and international level, carrying forward the series, Dr.GK Pradhan, Dean, Engineering (AKSU) presented his research paper on topic Rock Blasting Technique on 38th foundation day of Hindustan Copper, amidst the presence of hundreds of representatives from various other acclaimed organizations. The function was inaugurated by Santosh Sharma, CMD, Hindustan Copper, Rajasthan, and was presided over by Dr. GK Pradhan himself. Management, AKS University has congratulated Dr. Pradhan for his participation, with best wishes to present more research papers in days to come.
Satwik Visariya, the Faculty Member from AKS University, was felicitated with “Young Professional Award” in a function organized in Jhunsi, Allahabad. Informing about it, Satwik told that it was a national conference, which was organized by Sankalpana, The Multy Disclipanary Research Journal, under the theme “Promoting and Reinvigorating Agriculture, Extension Technological Innovations Sankalpana-2017”. Satwik Visariya was congratulated by Management, AKSU for the award.
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना द्वारा 11 जनवरी 2017 को प्रारंभ किया गया गौअमृत चिकित्सा केन्द्र 11 जनवरी को 1 वर्ष पूर्ण कर रहा है। इन 1 वर्षों के दौरान यह केन्द्र अपने उद्देश्यों में काफी हद तक सफल रहा है। इसकी स्थापना के वक्त इस बात की कोशिश की गई थी कि भारत की प्राच्य चिकित्सा पद्धति को पुनर्जीवित करना है। ज्ञातव्य है कि यहां पर गौमूत्र एवं गौ के विभिन्न उत्पादों के द्वारा सभी फसलों के संरक्षण एवं उसमें लगने वाले कीट व्याधियों से फसलों को मुक्त करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई है। इस दिशा में आयुर्वेदिक पद्धति से व कृषि कल्याण विभाग के सहयोग एवं मार्गदर्शन से इस केन्द्र के चिकित्सा विशेषज्ञ वैद्य अब्दुल वारसी द्वारा असाध्य रोगों जैसे मिरगी, वात, किडनी की पथरी, घुटनों का दर्द, ंसाइटिस आदि रोगों पर गौमूत्र की आयुर्वेदिक पद्धति से निदान किया जा रहा है जिसके अच्छे परिणाम परिलक्षित हो रहे हैं। अनेक पीड़ित रोगियों पर सफलतापूर्वक इसका परीक्षण करते हुए उन्हें रोगमुक्त किया गया है। इस केन्द्र के चिकित्सा विशेषज्ञ को 35 वर्षों का अनुभव है। अब्दुल वारसी द्वारा सतना जिले के विभिन्न ग्रामों में आयोजित विशेष शिविरों में जैविक खाद तैयार करने, गौमूत्र का फसल चक्र में व्याधि कीटों आदि की रोकथाम संबंधी गहन प्रशिक्षण ग्रामवासियों को दिया गया है और इसके सफल व सकारात्मक परिणाम किसानों को प्राप्त हुए हैं। एकेएस वि.वि. द्वारा निर्मित गौअमृत फसल रक्षक कीट नियंत्रण दृव्य का प्रयोग कृषकों द्वारा सफलतापूर्वक किया जा रहा है। श्री अब्दुल वारसी द्वारा जिले के आयोजनों में होने वाले कृषि मेलों, कृषि संगोष्ठी में अपने प्रभावकारी उद्बोधन से अधिकांश क्षेत्रों में वि.वि. का नाम रोशन किया है साथ ही वि.वि. प्रबंधन का यह संकल्प है कि जिले के कृषकों को कृषि संकाय के विशेषज्ञों के माध्यम से दोगुनी फसल प्राप्त करने के उपायों के बारे में सतना जिले के एवं आसपास के अन्य जिलों के कृषकों को लाभान्वित कराया जायेगा।
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के एग्रीकल्चर संकाय में कार्यरत सात्विक सहाय विसारिया को संस्कार भवन, जी.टी. रोड, झूंसी इलाहाबाद, उ.प्र. में आयोजित कार्यक्रम में यंग प्रोफेसनल अवार्ड से नवाजा गया। कार्यक्रम संकल्पना, द मल्टी डिस्प्लिनरी रिसर्च जर्नल द्वारा आयोजित था। दो दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस की थीम प्रमोटिंग एण्ड रीइन्विगोरेटिंग एग्रीकल्चर, एक्सटेंशन टेक्नोलाॅजिकल इनोवेशन्स संकल्पना -2017 थी। सात्विक सहाय विसारिया को उपस्थितजनों ने के साथ वि.वि. प्रबंधन ने शुभकामनाएं दीं।
l सतना। विंध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय सतना के इंजीनियरिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान ने 38वें वार्षिक स्थापना दिवस सेमिनार के टेक्निकल सेशन में राॅक ब्लास्टिंग टेक्निक पर पेपर प्रजेंट किया। कार्यक्रम में देश के 100 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने पार्टिशिपेशन किया। एक दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ संतोष शर्मा चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर, हिन्दुस्तान काॅपर क्षेत्रीय राजस्थान ने किया। खास बात यह रही कि टेक्निकल सेशन की अध्यक्षता भी डाॅ. जी.के. प्रधान ने की। उन्हे वि.वि. प्रबंधन ने शुभकामना प्रदान की है।
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के प्रबंधन विभाग मे कार्यरत डाॅ. प्रदीप चैरसिया का रिसर्च पेपर स्टडी द ओपिनियन आॅफ जनरल पब्लिक एण्ड ट्रांसपोर्टर रिगार्डिंग द सर्विसेस प्रोवाइडेड बाइ रीजनल ट्रांसपोर्ट आॅफिस इन रीवा रीजन आॅफ म.प्र. के इंटरनेशनल पीर रिव्यूड रेफर्ड जर्नल के दिसम्बर अंक में प्रकाशित हुआ है। इसी पर उन्हें 23 दिसम्बर 2017 को इंटरनेशनल कांफ्रेंस आॅन रिसेंट डेव्हपमेंट इन इंजीनियरिंग साइंस और महाराष्ट्र चेम्बर आॅफ काॅमर्स इण्डस्ट्रीज एण्ड एग्रीकल्चर सेनापति बापट मार्ग पूना में सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। वि.वि. के प्रबंधन संकाय के फैकल्टीज ने उन्हें भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं।
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के कम्प्यूटर साइंस और इंफार्मेशन टेक्नोलाॅजी विभाग के विद्यार्थियों द्वारा नगर निगम द्वारा आयोजित स्वच्छ सतना कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक की ख्¬ाास प्रस्तुति दी। कम्प्यूटर साइंस के फैकल्टी बालेन्द्र गर्ग,डाॅ.दीपक मिश्रा ओर अखिलेश ए.बाउ द्वारा निर्देशित इस नुक्कड़ नाटक में स्वच्छ सतना पर बेवाक राय कलाकारों की प्रस्तुति के माध्यम से रखी गई। नाटक की प्रस्तुति की बुनावट इस कदर थी कि पूरे मंचन के दौरान तालियों से उपस्थितजन हौसला अफजाई करते रहे। इस मौके पर सतना सांसद गणेश सिंह, विधायक शंकर लाल तिवारी, महापौर ममता पाण्डेय, स्पीकर अनिल जायसवाल, कमिश्नर प्रतिभा पाल के साथ शहर के गणमान्य और विशिष्ट जनों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। एक शाम स्वच्छ सतना के नाम से आयोजित कार्यक्रम में व्यंकट क्रमांक 2 स्कूल में हजारों लोगों की उपस्थिति रही।मंच से यह घोषित किया गया कि पूरे म.प्र. में सतना ने स्वच्छता में प्रथम स्थान हासिल किया। एकेएस वि.वि. के नुक्कड़ नाटक के कलाकारों में आकाश, अंकित, चंदन, अंकिता, कृतिका, गौरव, आकांक्षा, प्राची, योगिता, बालकृष्ण, हिमांशु, कंचन, आयुष्मान, अजरा व शालिम ने शानदार अदाकारी का मुजाहिरा किया। स्वच्छ भारत अभियान के तहत आयोजित इस वृहद कार्यक्रम में एकेएस के नुक्कड़ नाटक को खूब सराहना मिली और प्रस्तुति को शील्ड देकर पुरस्कृत किया गया।
सतना। विंध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय,सतना के फैकल्टी आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाॅजी के सीमेन्ट टेक्नोलाॅजी विभाग द्वारा ड्यूरेबल कांक्रीट मेकिंग प्रेक्टिसेस विषय पर 6 दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम 15 जनवरी से 20 जनवरी तक अनवरत चलेगा। 15 जनवरी टेªनिंग के शुभारंभ अवसर पर इनाग्रेशन सेरेमनी का आयोजन किया गया।एकेएस वि.वि. सतना के सभागार में सर्वप्रथम माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण से कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
मौके को इन अतिथियों ने प्रदान की गरिमा
कार्यक्रम के दौरान मार्केटिंग हेड केजेएस सीमेन्ट राजेश खन्ना ने कहा कि वि.वि. द्वारा पहले बैच के मार्केटिंग आफिसियल्स के साथ का टेªनिंग सेशन शानदार रहा और इस बार भी इसे अच्छा रहना है क्योंकि एकेएस वि.वि. और केजेएस सीमेंन्ट दोनो संस्थान बेस्ट के लिए समर्पित है और क्वालिटी से काई समझौता हमे पसंद नहीं। केजेएस के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट एस.के. सिंह ने कहा कि ट्रेनिग का शुभारंभ और कंटेट दोनो उम्मीदों के अनुकूल परिणाम देंगें। केजेएस के मैनेजर पंकज सिन्हा ने कहा कि यह और अच्छा बनने की दिशा में बढाया गया कदम है इस मौके पर प्रो. आर.के. सिंह ने भी अपने विचार रखे। एकेएस वि.वि. के प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन श्रीवास्तव, डाॅ. आर.एस त्रिपाठी,इंजी. प्रो. जी.सी. मिश्रा, प्रो. के.एन. भट्टाचार्य, रवि पाण्डेय की उपस्थिति रही।
विषय ‘ड्यूरेबल कांक्रीट मेकिंग प्रेक्टिसेस‘ पर विशेषज्ञों ने रखी राय
रजिस्ट्रेशन और इनाग्रेशन के बाद इंडियन सीमेन्ट इण्डस्ट्री पर प्रो. जी.सी. मिश्रा ने विस्तृत व्याख्यान दिया उन्होने बताया कि सीमेंन्ट इंडस्ट्री दिनदूनी रात चैगुनी गति से आगे बढ रही है और इसमें कुशलता ही कॅरियर को उन्नति पर ले जाएगी। प्रो. भट्टाचार्य ने ओव्हर व्यू आॅफ द पोर्टलैण्ड सीमेन्ट मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस, क्लिंकर केमेस्ट्री एण्ड इट्स इम्पैक्ट आॅन सीमेन्ट कांक्रीट पर उपस्थित प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी दी।
पहले हुए लैक्चर्स तब प्रैक्टिकल्स के लिए सभी पहुॅचे वि.वि. के उन्नत लैब
प्रेक्टिकल डिमोस्ट्रेशन एण्ड हैण्ड्स आॅन ट्रेनिंग के दौरान रवि पाण्डेय ने टेस्टिंग आॅफ सीमेन्ट फाइननेस, स्टैण्डर्ड कंसिस्टेंसी सेटिंग आॅटो डेव और सीविंग पर लैब में प्रेक्टिकल परफार्म करवाये। 16 जनवरी को प्रो. भट्टाचार्य ने टाइप्स आॅफ सीमेंट एण्ड इट्स एप्लीकेशन क्वालिटी आॅफ सीमेन्ट एण्ड कोडल प्रोवीजन्स पर व्याख्यान दिया। प्रो. जी.सी. मिश्रा ने हाइड्रेशन मैेकेनिज्म आॅफ पोर्टलैण्ड सीमेन्ट एण्ड स्ट्रेंथ डेव्हलपमेंट पर व्याख्यान दिया। हैण्ड आॅन प्रेक्टिकल के दौरान टेस्टिंग आॅफ सीमेन्ट पर सेटिंग टाइम और सीमेन्ट साउण्डनेस टेस्ट पर प्रेक्टिकल हुआ। 17 जनवरी को प्रोडक्शन आॅफ पोर्टलैण्ड पोजोलाना सीमेन्ट एण्ड इट्स परफार्मेंस इन कांक्रीट पर व्याख्यान हुआ। कास्टीटुएंट्स एण्ड एप्लीकेशन इन कांक्रीट पर व्याख्यान के बाद फिजिकल टेस्टिंग आॅफ सीए एण्ड एफए में फ्लैकिनेस एण्ड एलोंगेशन ग्रेडिंग आॅफ एफए एण्ड सीए के साथ स्लम्प टेस्ट करवाया गया। इफेक्ट आॅफ केमिकल एड मिक्चर पर भी प्रेक्टिकल हुआ।
19 व 20 जनवरी के यह हैं कार्यक्रम
टेªनिग सेशन की अगली कड़ी में पाॅचवें दिन ग्रेड आॅफ कांक्रीट एण्ड कांक्रीट मिक्स डिजाइन के साथ ड्यूरेबिलिटी आॅफ कांक्रीट एण्ड एक्सेप्टेंस क्राइटेरिया के बाद लैब में डिटर्मिनेशन आॅफ क्ले एण्ड सिल्ट इन वाटर काॅम्पेक्शन और कांक्रीट मिक्सिंग पर व्याख्यान होगा। कांक्रीट मेकिंग टेक्नोलाॅजी क्वालिटी कंट्रोल ड्यूरिंग कांस्ट्रक्शन के साथ लैब में कांक्रीट क्यूब मेकिंग टेक्निक कांप्रेसिव टेस्ट आॅफ सीमेन्ट मोर्टार क्यूब के बाद अंतिम कड़ी में मार्केटिंग स्ट्रेटेजी आॅफ सीमेन्ट पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी। ग्राहकों को भरपूर सटिस्फेक्शन हो और अगर वह शिकायत करें तो उसे कैसे हैण्डल करें इस पर भी विस्तार से चर्चा होना है। लैब में क्लास टेस्ट आॅर समूह चर्चा के बाद 5 दिनों के कार्यक्रम का मूल्यांकन किया जाएगा। प्रतिभागियों से जब इस बावत बात की गई तो उनका कहना था कि अब तक का ट्रेनिग सेशन कार्यक्रम जानकारीपूर्ण, उद्देश्यपूर्ण और सारगर्भित रहा। इसी तरह का प्रशिक्षण एकेएस वि.वि. के द्वारा प्रिज्म सीमेंन्ट,अल्ट्राटेक सीमेंन्ट और अन्य सीमेंन्ट कंपनियों के इंजीनियर्स को प्रदान किया गया है केजेएस सीमेंन्ट के सीमेन्ट उत्पादन के अन्य पार्टिसिपेंन्टस अगली ट्रेनिंग मे पार्टिसिपेट करेंगे। पहली टेªनिंग के दौरान 15 प्रतिभागयिों की टेªनिग हुई और केजेएस के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन अहलूवालिया ने टेªनिग को प्रतिभागियों के लिए शानदार सीखने वाला अनुभव बताया था।उन्होने कार्यक्रम की गरिमा भी बढाई थी।
A Research Paper written by Dr. Pradeep Chaurasiya has been able to get the space in an International Journal named Peer Reviewed Referred. As it is well known, Dr. Pradeep Chaurasiya works in AKS University as Assistant Professor in Department of Management Studies. Informing about it, Dr. Chaurasiya told that the topic of his Research Paper is “Study the Opinion of General Public and Transporter regarding the Services provided by Regional Transport Office in Rewa region of Madhya Pradesh” and has been published in December edition of the Journal. Pradeep Chaurasiya has been issued the certificate by Maharashtra Chamber of Commerce for the publication of Research Paper. Management, AKS University and all staff members have congratulated Pradeep Chaurasiya for his achievement.
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय के बी.टेक सिविल छठवें सेमेस्टर के 7 विद्यार्थियों ने लोक निर्माण विभाग की बाबूपुर से कृपालपुर तक बनने वाली तकरीबन 15 किमी. के रोड कांस्ट्रक्शन, उसके मूल्यांकन के समस्त कार्यों की जानकारी विशेषज्ञों के मार्गदर्शन प्राप्त की। एकेएस वि.वि. के विद्यार्थियों आशुतोष शुक्ला, गगन मिश्रा, दिव्यांशु, गरिमा ताम्रकार, पंचवटी प्रजापति, हिमांशु मिश्रा, और निखिल मिश्रा ने साइट विजिट के दौरान लोक निर्माण विभाग के इंजी. विवेक दुबे के मार्गदर्शन में समस्त मूलभूत जानकारियां हासिल कीं। प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के दौरान छात्रों ने 1 जनवरी से 13 जनवरी तक विभागाध्यक्ष शिवानी गर्ग और फैकल्टी विशुतोष वाजपेयी के दिशा-निर्देशो में नियमित रूप से साइट विजिट की और लैब की समस्त टेस्टिंग प्रक्रियाओं को समझा। वि.वि. के छात्रों ने हैण्ड्स आॅन ट्रेनिंग प्रेक्टिकल के माध्यम से समझा। विद्यार्थियों ने इस कार्य को अपने लिये काफी लाभकारी बताया।
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय के एम.एससी. भौतिकी के 6 छात्र छात्राओं ने युनाइटेड बोर्ड फाॅर हायर एज्युकेशन इन एशिया द्वारा प्रयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय वर्कशाप में सहभागिता दर्ज कराई। कार्यक्रम सेंट एलाॅयसिस काॅलेज जबलपुर के भौतिकी विभाग में 12 एवं 13 जनवरी को आयोजित हुआ।
मिली हैण्डस आॅन पै्रक्टिस
इस वर्कशॅाप में परमाणु रिसर्च पर आधारित इंस्ट्रूमेंट एटाॅमिक फोर्स माइक्रोस्कोपी एक्सआरडी आईआर एवं यूवी इत्यादि पर हैण्ड्स आॅन प्रेक्टिस की। विषय विशेषज्ञों द्वारा उन्हें नवीन जानकारियां भी प्रदान की गईं। गौरतलब है कि इन यंत्रों का प्रयोग मटेरियल साइंस और भौतिकी के क्वांटम सिद्धांतों के द्वारा किया जाता है। इस वर्कशाप में विषय विशेषज्ञ डाॅ. वी. गणेशन, डायरेक्टर यूजीसी-डीएई इन्दौर ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।
फैकल्टी साकेत ने डाला एकेएस वि.वि. के रिसर्च एवं अनुसंधान पर प्रकाश
एकेएस वि.वि. के फैकल्टी साकेत कुमार ने वि.वि. में हो रहे रिसर्च एवं अनुसंधान कार्यों पर प्रकाश डाला। इस वर्कशाप में एकेएस वि.वि. के विद्यार्थी पुनीत, शिवानी, संदीप, शादमान, अनामिका और फिरदौस ने डेटा एनालिसिस का शानदार प्रदर्शन किया। वि.वि. के विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया गया।
एफएम और एक्सआरडी के विवर्तन पर जानकारी
ज्ञातव्य है कि एफएम एवं एक्सआरडी एक्स किरणों के विवर्तन एवं ब्रेग के नियम पर आधारित है जिससे मटेरियल की क्रिस्टलीय संरचना को समझने में मदद मिलती है। इसी प्रकार नैनो आकार के टिप कैंटीलीवर को एटाॅमिक फोर्स की प्रकृति के आधार प्राप्त हुए परिवर्तनों के डेटा को विश्लेषण के आधार पर नैनो पदार्थ की सतही स्ट्रक्चर का अध्ययन किया जाता है।छात्रों की सहभागिता पर वि.वि. प्रबंधन ने उन्हे बधाई दी है।
सतना। विवेकानंद जी यानी ऊर्जा के स्वामी, उन्होने मानव सेवा और राष्ट्र निर्माण का ध्येय रखकर सिर्फ 39 वर्ष की उम्र में पूरे विश्व पर अपने विचारों की अमिट छाप छोडी। विदेशों में दिए विवेकानंद जी के भाषण से अमेरिकी भी अभिभूत रहे। एकेएस वि.वि. में युवा दिवस के रूप में विवेकानंद जी की 154 वीं जयंती पर याद किया गया।
एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सभागार में राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर नगर पालिक निगम सतना की कमिश्नर प्रतिभा पाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार निर्विवाद और अकाट्य हैं, बड़े बड़े कार्य स्वार्थ त्यागने से ही होते हैं, काम करो सहयोग करो। स्वामी विवेकानंद जी ने दया, वीरता, संयम और करुणा का पाठ पढ़ाया इसीलिये वह स्तुत्य हैं। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रतिभा पाल ने वि.वि. के विद्यार्थियों से बातचीत करते हुए कहा कि आप सभी युवाओं को जीवंतता, ऊर्जा को नई दिशा देना और नव भारत के लक्ष्य को हासिल करने का संकल्प लेना है। 154वीं जयंती के अवसर पर विवेकानंद पर चर्चा करते हुए पूर्व प्राचार्य आत्माराम तिवारी ने कहा कि नेतृत्व करते समय सबके दास बन जाओ और बल ही एक ऐसा साधन है जिससे आप संसार की समस्त बाधाओं से पार पा सकते हैं। वि.वि. के प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि नगर पालिक निगम की कमिश्नर प्रतिभा पाॅल युवाओं की ऊर्जा की द्योतक हैं। उन्होंने जिन ऊंचाइयों को छुआ है वह सराहनीय है उनका कार्य प्रेरणत्मक है ,पतंजलि योग समिति के राकेश तिवारी ने गुरू की महिमा पर विद्वतापूर्ण व्याख्यान दिया। एस.आर.मिश्रा,प्राध्यापक ने अपने उद्बोधन में शिकागो के व्याख्यान के साथ स्वामी विवेकानंद जी के जीवन के अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में वि.वि. के कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक ने अपने संस्मरण सुनाते हुए विवेकानंद जी को याद किया और अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति प्रो. आर.एस. त्रिपाठी, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी,महामंडलेश्वर भूमानंद, डायरेक्टर अवनीश सोनी, स्वदेशी जागरण मंच के कमल शर्मा, युवा नेता विजय तिवारी की उपस्थिति में वि.वि. के छात्रों ने भी विवेकानंद जी के विषय में अपने विचार रखे। आईएएस, प्रतिभा पाॅल ने मंचासीन अतिथियों के साथ वि.वि. के विद्यार्थियों को बेटी बचाओ अभियान और ब्लड डोनेशन कार्यक्रम के सक्रिय सहभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. दीपक मिश्रा ने किया।
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के कृषि संकाय के विशेषज्ञों ने अतिसुंदर अलंकृत लाल पत्तागोभी का उत्पादन कृषि संरक्षित क्षेत्र पाॅलीहाउस में बड़े पैमाने पर किया है। अगर इसकी विशेषताओं की बात करें तो शरद ऋतु की सब्जियों में अन्य गोभी की तरह इसे भी दोमट या बलुई मिट्टी में उगाया जाता है। हरी खाद या कम्पोस्ट खाद इसके लिये वरदान है। मिट्टी का पीएच मान 6.0 से 7.5 होना चाहिये। वि.वि. के पाॅलीहाउस की ठंडी जलवायु एवं कम आर्दता में यह उत्तम परिणाम देती है। गोलाई में बढ़ने वाली लाल पत्तागोभी दो जुताई के बाद भुरभुरी मिट्टी में ज्यादा बढ़ती है। यह उन्नत किस्म की लाल पत्तागोभी कैल्सियम, लोहा, पोटैशियम, प्रोटीन, कैलरीज तथा खनिज लवणों से परिपूर्ण होती है। एकेएस वि.वि. में इसे ब्रोकली के साथ ही उगाया गया है। अक्टूबर-नवम्बर माह में इसे बोया गया और इसकी पंक्तियों में आम गोभी की तरह अंतर रखा जाता है और बीजों में उगने के लिये पर्याप्त दूरी रखी जाती है। इसमें सिंचाई 12 से 15 दिन के अंतराल में की जाती है। इसकी पूर्णतः वृद्धि के बाद नीचे से तेज चाकू या हंसिया से काटा जाता है। एकेएस वि.वि. के कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि इसमें पानी की प्रचुर मात्रा होती है। यह सलाद के रूप में सर्वश्रेष्ठ और सब्जियों में भी स्वादिष्ट होती है। एकेएस वि.वि. की लाल पत्तागोभी जैविक खाद से तैयार हो रही है। लाल पत्तागोभी के उत्पादन के बाद इसे बिक्री के लिये भी रखा गया है। इस तरह वि.वि. निरंतर नये अनुसंधान द्वारा जिले के कृषकों एवं आमजनों के लिये उपयोगी वेजिटेबल्स के उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त कर रहा है। एकेएस वि.वि. के उत्पादन केन्द्र से यह आसानी से प्राप्त की जा रही है। वि.वि. के कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि वि.वि. में उत्पादित होने वाली लाल पत्तागोभी बहुत सारे गुणों से परिपूर्ण है, जिसे विश्वविद्यालय से प्राप्त किया जा सकता है। वि.वि. के कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी के साथ वि.वि. के एग्रीकल्चर संकाय के डीन डाॅ. आर.एस. पाठक, डाॅ. एस.एस. तोमर ने पाॅलीहाउस परिक्षेत्र का भ्रमण किया और संरक्षित क्षेत्र मे कार्य कर रहे वैज्ञानिकों को बधाई दी। पाॅलीहाउस के अंतर्गत अन्य कई सब्जियां जैसे पीली पत्तागोभी भी उगाई जा रही हैं जो उच्चतम गुणवत्ता की जैविक खाद से तैयार हैं। एकेएस वि.वि. में इसकी पैदावार 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इसे किचन गार्डनिंग की भी प्रक्रिया में तैयार किया जा सकता है। सब्जियों में बीमारी की रोकथाम के लिये एकेएस वि.वि. में ही तैयार हो रहे गौउत्पादों का उपयोग किया जाता है।