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एकेएस वि.वि. मे 68वाॅ गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय पर्व है। यह दिवस भारत के गणतंत्र बनने की खुशी में मनाया जाता है । 26 जनवरी 1950 के दिन भारत को एक गणतांत्रिक राष्ट्र घोषित किया गया था। इसी दिन स्वतंत्र भारत का नया संविधान अपनाकर नए युग का सूत्रपात किया गया था। यह भारतीय जनता के लिए स्वाभिमाान का दिन था। संविधान के अनुसार डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने । जनता ने देश भर में खुशियां मनाई । तब सें 26 जनवरी को हर वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। इस मौके पर देश के आजादी के पूर्व के हालातों और वर्तमान हालातो पर प्रबुö जनो ने चर्चा कर कहा कि खुशियों की तमाम बातों के बावजूद आज अहम सवाल हो गया है कि समाज को चुस्त, ईमानदार , कर्तव्यनिष्ठ, अनुशाषित बनाया जाए और जनतंत्र-गणतंत्र की प्रौढ़ता को मजबूत किया गया है लेकिन आम जनता का उसके अधिकार , कर्तव्य, ईमानदारी, समझाने में पिछड़े, कमजोर , गैर जिम्मेदार साबित हो रहे है। इसलिए असमानता की खाई गहराती जा रही है और असमानता ,गैरबराबरी बढ़ गई है जबकि बराबरी के आधार पर ही समाज की उत्पत्ति हुई थी। 1947 में गांधी जी ने भी बराबरी की बात कही थी लेकिन पद्लोलुप अमानवीयता की हदें पार कर जनतंत्र -गणतंत्र को रौंद रहे है। हमे बापू के सपनों का भारत बनाना है। कार्यक्रम के आयोजन के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए तत्पश्चात विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बी.पी.सोनी, कुलपति प्रो.पी.के.बनिक, चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ,प्रतिकुलपति डाॅ. आर.एस.त्रिपाठी, डाॅ. हर्षवर्धन प्रो. आर.एन. त्रिपाठी, इंजी. आर.के. श्रीवास्तव, डाॅ.जी.के. प्रधान, डाॅ. जी. सी. मिश्रा, ए.के. मित्तल, डाॅ. आर.एस. पाठक, डायरेक्टर अमित सोनी ने अपने विचार रखते हुए देश के महान गौरव के क्षणों एवं महान विभूतियों को याद किया गया।