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पुस्तके साक्षात जीवंत देव प्रतिमाऐं है और शिक्षक उनको अपनी दुष्टि देकर जीवन समझाने वाले प्रणेता, अघ्येता और इतिहासवेत्ता जो अपनी ज्ञान की लौ को निरंतर प्रवाहमय रखते हुए इतिहास के पन्नों पर अमिट छाप छोड जाते हैं ऐसे ही अमर क्षिक्षक थे भारत के पूर्व राष्ट्रपति और शिक्षा जगत में अध्यापक की मिसाल सर्वपल्ली राधकृष्ण जी, जिनकी याद में हम दिवस को न सिर्फ याद करते हैं बल्कि उनके विचारों की स्फटिक शिला सी आभा में अपने को विचारमग्न भी पाते हैं। और हर बार नया उजास लेकर धन्य होते हैं। शिक्षा की लौ को अंतिम व्यक्ति तक पहुॅचाने के लिए कृत संकल्पित एकेएस वि.वि. सतना के सभागार में शिक्षक दिवस समारोहपूर्वक 6 सितम्बर को मनाया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान उत्सवमयी रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ विशिष्टजनों के अमूल्य उद्बोधन मौके की गरिमा में चार चाॅद लगाऐंगें। कुछ यादें होगी,विरासत होगी और पीछे छूट रही परिपाटी गुरु शिक्षक और उनके शिष्यों के संबंधों पर रोशनी डालती विचार प्रक्रिया भी होगी। इस मौके पर सभी शिक्षको को शिक्षक दिवस की गरिमा के अनुकूल श्रीफल से सम्मानित करने के साथ ही उन्हें सम्मान से नवाजा जाएगा। उनके उन्नत विचारों की अलख से जगी रोशनी से सभी जनों को अवगत कराया जाएगा। गुरुब्रहमा, गुर्रुविष्णु, गुर्रुदेवो महेश्वरः, गुरु साक्षात परब्रहमा, तस्मै श्री गुरुवे नमः...की परम्परा के अनुकूल गरिमा, विशिष्टता का भान कराते हुए सम्पूर्ण परिदृष्य को प्रस्तुत किया जाएगा। जिनके सम्मान में यह दिवस मनाया जाता है वह हैं सर्वपल्ली राधाकृष्ण जी उन्हें नमन करते हुए दिचस की विराटता और समसामयिक परिदृष्य में गुरुओं की चुनौतियों पर भी चर्चा होगी। दैदीप्यमान मंच पर विशिष्टजन विराजमान रहेंगें और परम्पराओं के वक्त के साथ परिवर्तनों की गाथा के साथ गुरु की महिमा पर विचार साझा करेगें। कार्यक्रम में एकेएस वि.वि. परिवार के सभी डीन,डायरेक्टर्स,फैकलटी मेम्बर्स और सभी जन शामिल होगें।