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चंद्रयान मिशन में शामिल सतना के सपूत ओम पांडे ने एकेएस के छात्रों से किया संवाद। ज़िद, जज्बा और जुनून हो तो कोई भी मुकाम मुश्किल नहीं ,ओम पांडे। सतना। एकेएस विश्वविद्यालय, सतना के सभागार में चंद्रयान मिशन में शामिल सतना के रैगांव क्षेत्र के करसरा गांव के निवासी मध्यम वर्गीय परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले ओम पांडे ने  इंजीनियरिंग और अन्य संकाय के छात्रों के साथ संवाद किया। उन्होंने छात्रों को मोटिवेट करते हुए कहा की ज़िद, जज्बा और जुनून हो तो कोई भी मुकाम मुश्किल नहीं। आपका बैकग्राउंड आपके विकास में आड़े नहीं आता, सपने उन्हीं के पूरे होते हैं जिनके सपनों में जान होती है। अनुशासित जीवन से ही उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ है। कक्षा 8 तक उन्होंने गांव के स्कूल में अभावों के बीच शिक्षा ग्रहण की, लेकिन आगे बढ़ाने की ललक और तड़प ने उन्हें सोने नहीं दिया। कक्षा 12 एक्सीलेंस स्कूल से 85% अंकों के साथ उत्तीर्ण की और स्कॉलरशिप भी मिली जिससे उन्हें रोशनी की किरणें दिखाई दी। सफर चलता रहा। उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग  पूर्ण की ।गेट एग्जाम क्लियर करने के बाद आईआईटी कानपुर में उन्होंने दाखिला लिया। छात्रों को संबोधित करते हुए ओम पांडे जी ने कहा की जब आपका मन यह कहता है कि आप कर सकते हो तो आप निश्चित रूप से कर सकते हो। उन्होंने खेलों के महत्व, व्यक्तित्व और एटिकेट्स पर भी छात्रों को अधिक से अधिक सीखने की सलाह दी।उज्जैन कॉलेज में उन्होंने कुछ समय तक टीचिंग भी की बाद में ऑल इंडिया टेस्ट में भाग लेकर 2018 में बतौर साइंटिस्ट सी कैटिगरी उन्हें इसरो में कार्य करने का मौका प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष मिशन बहुत बड़ा मिशन होता है , जिसमें हजारों लोग शामिल होते हैं जब वैज्ञानिकों के लिए मंदिरों में हवन, पूजन होते हैं, लोग उनके लिए प्रार्थना करते हुए मिलते हैं तो उत्साह बढ़ता है ,यह अपना कार्य नहीं होता ,बल्कि देश का काम होता है। भारत मां का काम होता है और चंद्रमा के साउथ पोल पर जाने वाला भारत पहला देश बना यह हम सब के लिए गर्व के बहुत बड़े पल थे। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों में देश के गांव तक जागरूकता पहुंची है इसी के साथ उन्होंने L1 मिशन, आदित्य, गगनयान मिशन के साथ स्टूडेंट्स को इसरो में प्रवेश के माध्यम भी बताएं। स्टूडेंट की उत्सुकताओं के जवाब भी उन्होंने दिए। सम्मान से अभिभूत ओम पांडे ने कहा की आज से 10,15 वर्ष पहले एकेएस जैसा विशिष्ट संस्थान नहीं था ।अब आप सबके पास सुविधाओं और संस्थान की भरमार है। मुक्त आकाश आपके लिए खुला हुआ है ।आप जो सपना देखेंगे वह पूरा होगा यह तकनीकी के माध्यम से हुआ है। ओम पांडे का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर अनंत कुमार सोनी ने कहा कि टेक्नोलॉजिकल पहलू से हम तकनीकी के चरम पर हैं ।चंद्रयान इसी की एक बड़ी कड़ी है। प्रोफेसर बी.ए.चोपड़े ने कहा की 21वीं सदी की सबसे बड़ी उपलब्धि भारत के लिए चंद्रयान मिशन है। उन्होंने डॉ. होमी भाभा डॉ. विक्रम साराभाई और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के स्पेस मिशन के क्षेत्र में किए गए कार्यों को मुक्त कंठ से सराहा। कार्यक्रम में एकेएस विश्वविद्यालय के सभी संकाय के डीन, डायरेक्टर, फैकल्टी मेंबर्स उपस्थित रहे।