ऐ के एस यूनिवर्सिटी सतना के रावे 2019 के छात्रों द्वारा कार्यक्रम समन्वयक सात्विक सहाय बिसारिया के मार्गदर्शन में कृषि लागत में कमी लाकर उत्पादन में वृद्घि सहित किसानों की समस्याओं पर चर्चा के लिए ग्राम भर्री में किसान संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें स्थानीय कृषकों के अलावा क्षेत्र के विभिन्न गांवों के किसान उपस्थित हुए। कृषि में होने वाले लाभ और नुकसान के बारे में आपस में चर्चा कर जानकारी ली। लागत कम किए जाने पर भी चर्चा की गई। रसायनों के उपयोग कम करने व जैविक खेती किए जाने की समझाइश दी गई। कार्यक्रम में विश्विद्यालय के कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ एस एस तोमर निदेशक उद्यानशास्त्र डॉ के आर मौर्य वैज्ञानिक बालाजी विक्रम रावे समन्वयक सात्विक बिसारिया सहित अन्य किसानों ने अपने विचार व्यक्त किए। किसानों को संबोधित करते हुए डॉ तोमर ने कहा कि सरकार कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने किसानों से शासन की योजनाओं का लाभ लेते हुए कृषि की नवीनतम तकनीकि अपनाने का आव्हान किया।किसानों को संबोधित करते हुए रावे समन्वयक सात्विक सहाय बिसारिया ने कहा कि किसानों से शासन की योजनाओं का लाभ लेते हुए कृषि की नवीनतम तकनीकि अपनाने का आव्हान किया।निदेशक उद्यानकी डॉ के आर मौर्या ने कृषि के साथ.साथ अन्य आर्थिक गतिविधियां संचालित करने की बात कही। मिट्टी स्वस्थ होगी तो उससे उत्पन्न पौधा भी स्वस्थ होगा इसलिए मिट्टी की जांच कराकर स्वास्थ्य कार्ड बनवाए एवं दिए गए अनुशंसा अनुरूप ही खाद एवं पोषक तत्व का उपयोग करें ताकि मिट्टी सजीव बनी रहे। डॉ बालाजी विक्रम द्वारा किसानों को मिट्टी के गुणधर्मए रासायनिक तत्वों एवं पोषक तत्व की कमी एवं अधिकता से होने वाले नुकसान पर विस्तृत चर्चा की गई। वैज्ञानिक राजबीर सिंह द्वारा समन्वित कृषि प्रणाली पर चर्चा करते हुए कृषि में रसायनों के दुष्प्रभाव एवम् समय रहते इसका प्रंबधन करने की सलाह देते हुए जैविक खेती करने की सलाह दी। संगोष्ठी में ग्राम भर्री व डांगी टोला के रावे के समस्त छात्र व किसान उपस्थित रहे।