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सतना। एकेएस वि.वि. सतना के कृषि संकाय रावे सातवें सेमेस्टर के छात्र शिवम चैधरी, बलराम पाटीदार, विशाल मसखरे, आशीस अगासे, आदित्य सदारंग, कुलदीप सिंह, भावेश चैहान, खेमचन्द्र, अखिजीत, रमण रेड्डी, ललित, अनिल सिंह, राहुल, विपिन, सुभांशु द्वारा ग्राम गोबरांव खुर्द में किसान संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी में किसानों द्वारा खेती में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की गई। विश्वविद्यालय की फैकल्टी द्वारा किसानों की समस्याओं का निदान बताया गया। खेती के तरीकों में परिवर्तन पर खेती को लाभ का धंधा कैसे बनाया जाय, मौजूदा कृषि प्रणाली के आधुनिकीकरण पर सरकार क्या कर रही हैं। सेंसर आधारित प्रौद्योगिकियों तथा मशीनों से कृषि का प्रसार किया जा रहा है। कृषि मशीनीकरण पर कौशल विकास कार्यक्रम, ग्रीन हाउस प्रचालन, कृषि प्रसंस्करण तथा मूल्यवर्धन के कार्य किये जा रहे हैं। इसी क्रम में डाॅ. भूमानंद सरस्वती ने कहा कि लघु तथा सीमांत किसानों एवं निम्न कृषि शक्ति की उपलब्धता वाले क्षेत्रों पर कृषि मशीनीकरण की पहुंच को बढ़ाना, उच्च तकनीकी एवं अघिक मूल्य वाले कृषि उपकरणों के लिये हब का सृजन करना प्रमुख है। अगर हमें कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाना है, तो हमें उन्नत प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना है। उन्होंने कार्बनिक खेती व आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. डूमर सिंह, डाॅ. आर.सी. पाण्डेय, उप सरपंच श्रीमती मुन्नी देवी, सचिव माधव सिंह कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन पर डाॅ. डूमर सिंह ने सभी उपस्थितजनों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में लगभग 60 कृषकों व विश्वविद्यालय के रावे के छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समन्वयक सात्विक सहाय बिसारिया रहे, जिनके मार्गदर्शन में किसान संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इससे पूर्व एकऐस वि.वि. रावे सातवें सेमेस्टर के सैकड़ों कार्यक्रमों के दौरान सतना के आस-पास के कई गावों में वृहद स्तर पर खेती किसानी से सम्बन्धित विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई है। भविष्य में इसी तरह के और कार्यक्रम करने की योजना वि.वि. द्वारा तय की गई है।