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सतना। एकेएस वि.वि. के मैनेजमेंट विभाग द्वारा सरस्वती पूजन का आयोजन किया गया। दाॅऐ हाथ की तीसरी अॅगुली मे हल्दी,चंदन व रोली के मिश्रण को माॅ सरस्वती के चरणों एवं मस्तक पर लगाया गया और जलअर्पण किया गया। फूलों की वर्षा करके माॅ की आराधना की गई। बसंत पंचमी के पावन मौके पर मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ वेदी के समक्ष माॅ सरस्वती का भव्य पूजन किया गया। वि.वि. के मैनेजमेंट के विद्यार्थियों ने इस अवसर पर शानदार रंगोली बनाई इसकी अतिथियों ने प्रसंशा की। इस मौके पर संगीत की मधुर लहरियों के बीच आध्यात्मिक रामायण सुदरकांड पाठ का आयोजन किया गया जिसमे सुर,ताल और लय के बीच विद्यार्थियों ने भी सहभागिता निभाई। हवन और पूजन के दौरान एकेएस वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी के साथ वि.वि. के समस्त संकाय के शिक्षकों और वि.वि.परिवार के तमाम शिक्षकों ने सक्रिय सहभागिता दर्ज कराई। आयोजन के दौरान मैनेजमेंट विभागाध्यक्ष डाॅ. कौशिक मुखर्जी,डाॅ.प्रदीप चैरसिया,मि.शीनू शुक्ला,प्रमोद द्विवेदी, प्रकास सेन,विजय चतुर्वेदी,श्वेता सिंह, डाॅ.धीरेन्द्र ओझा, डाॅ असलम सईद, सच्चिदानंद, रितिका बंसल की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इन्होंने कार्यक्रम की रुपरेखा तय की। अंत में मैनेजमेंट विभागाघ्यक्ष ने सभी का आभार व्यक्त किया प्रसाद वितरण किया गया सभी ने हवन किया।

वसंत क्या है पर दी गई छात्र-छात्राओं को जानकारी
प्रकृति का संगीतमयी पर्व वसंत पंचमी गरिमा,हर्ष व उल्लास के साथ मनाया गया और इसके बारे मे जानकारी भी प्रदान की गई। गौरतलब है ऋतुओं के राजा ऋतुराज अर्थात बसंत पंचमी का पर्व माघ मास मे शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन श्रद्वा और आस्था के साथ मनाया जाता है। एकेएस वि.वि. मे विद्या की अधिष्ठात्री देवी माॅ सरस्वती की पूजा कर शरद ऋतु को विदाई दी गई हिन्दू पंचांग के अनुसार पुराने साल की विदाई ओर नए साल का संधिकाल होता है बसंत पंचमी,ऐसा माना जाता है कि हिन्दू वर्ष की शुरुआत होते ही आम के पेंडों मे बोर आ जाते हैं तो खेतों में सरसों और गेंहू की फसलें लहलहाने लगती हैं और किसान इन्हें देखकर झूम उठता हे और झूम उठती है प्रकृति कहने का तात्पर्य है कि सावन और बसंत में ही प्रकृति की सुषमा निखर जाती हैऔर पर्वत आदि भी उमड पडते हैं।पीला रंग हिन्दुओं का शुभ रंग है