सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के कृषि संकाय के विशेषज्ञों ने ब्रोकली का उत्पादन (कृषि संरक्षित क्षेत्र) पाॅलीहाउस में प्रारंभ कर दिया है। यह गहरी हरे रंग की सब्जी ब्रेसिका फैमिली की है जिसमें पत्तागोभी और सफेद गोभी के अंश शामिल होते हैं। स्मरणीय है कि एकेएस वि.वि. द्वारा विगत वर्ष पाॅलीहाउस का निर्माण कर लौकी की आठ फुट लंबी विशेष प्रजातियां उत्पन्न की गई थीं। इसके अतिरिक्त इस वर्ष ब्रोकली के उत्पादन के बाद इसे देखने के लिये दूर दूर से लोग आ रहे हैं। इस तरह वि.वि. निरंतर नये अनुसंधान द्वारा जिले के कृषकों एवं आमजनों के लिये उपयोगी वेजिटेबल्स के उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त कर रहा है। एकेएस वि.वि. के उत्पादन केन्द्र से यह आसानी से प्राप्त की जा रही है। वि.वि. के कृषि विशेषज्ञ अभिषेक सिंह ने बताया कि वि.वि. में उत्पादित होने वाली ब्रोकली पूरी तरह से जैविक खाद से तैयार हो रही है। यह बहुत सारे गुणों से परिपूर्ण है, इसकी विशेषता है कि यह कई तरह के रोगों में रामबाण का काम करती है। पोषक तत्वों के साथ यह गर्भवती महिलाओं के लिये विशेष उपयोगी है। इसमें पाया जाने वाला आयरन फोलेट बच्चे के दिमागी और शारीरिक विकास के लिये अच्छा होता है। बीटाकैरेटन, मोतियाबिंद और मस्क्युलर डीजनरेशन रोकता है। इसके फाइटोकेमिकल और सल्फोरोफेन तत्व कैंसर की बीमारी से शरीर का बचाव करते हैं। महिलाओं के एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ने से होने वाले गर्भाशय कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर से भी ये बचाव करती है। प्रचुर मात्रा में फाइबर होने से मोटापा कम करती है, हृदय धमनियों को स्वस्थ रखती है, डायबिटीज के रोगियों के लिये फायदेमंद है, बीपी कंट्रोल होती है, हड्डियां मजबूत होती हैं और झुर्रियों से भी बचाव होता है, कब्ज दूर करना प्रमुख है। ज्ञातव्य है कि ब्रोकली खाने के कई न्यूट्रीशनल फायदे हैं। जिसे विश्वविद्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।