b2ap3_thumbnail_cem-3.jpgb2ap3_thumbnail_cement-tech1.jpg                                                                                सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना में 6 दिवसीय टेªनिंग प्रोग्राम का समापन पवन अहलूवालिया,केजेएस सीमेन्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर की गरिमामय उपस्थिति में संपन्न हुआ। मि. अहलूवालिया ने एकेएस वि.वि. प्रबंधन की दूरदृष्टि तथा सीमेन्ट टेक्नोलाॅजी के विशेषज्ञ प्राध्यापकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे सीमेन्ट की उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि होगी। उन्होंने उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि एकेएस वि.वि. आने के बाद मुझे इस बात का एहसास हुआ कि अल्पकाल में ही एकेएस वि.वि. ने बड़ी गहरी छाप छोड़ी है। वि.वि. आना मेरे लिये हर्ष और गौरव दोनों का विषय है। वि.वि. के सीमेन्ट टेक्नोलाॅजी द्वारा आयोजित किया गया ड्यूरेबल कांक्रीट मेकिंग प्रेक्टिसेस विषय पर आयोजित यह ट्रेनिंग केजेएस के मार्केटिंग आॅफीसियल्स के लिये ज्ञान आधारित एवं परिणाम आधारित रही। उन्होंने कहा कि भविष्य में केजेएस सीमेन्ट के हर विभाग के इंजीनियर्स एवं वर्कर्स के लिये वि.वि. द्वारा आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिये भेजा जायेगा। कार्यक्रम के अंत में पवन अहलूवालिया, एमडी केजेएस के हाथों समस्त ट्रेनीज को ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। इस दौरान वि.वि. के डायरेक्टर अवनीश सोनी ने मि. अहलूवालिया का पुष्पगुच्छ एवं मोमेंटो देकर स्वागत किया और उन्हें पुनः एकऐस वि.वि. आने के लिये आमंत्रित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वि.वि. के प्रतिकुलपति प्रो. आर.एस. त्रिपाठी ने करते हुए कहा कि श्रम का कोई विकल्प नहीं है। संस्थान में कर्मचारियों को स्थाई रहते हुए संस्थान का विकास और खुद का विकास करना चाहिये। ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी ने कहा तकनीक का उपयोग करें जिससे भारत देश में सीमेन्ट की गुणवत्ता बढ़े और देश आर्थिक विकास करे। कार्यक्रम की रूपरेखा प्रो. जी.सी. मिश्रा ने प्रस्तुत की। कार्यक्रम के पाॅचवें दिन मार्केटिंग स्ट्रेटेजी आॅफ सीमेन्ट, कंज्यूमर सेटिस्फेक्शन एण्ड कंज्यूमर कम्प्लेन हैंडलिंग विषय पर व्याख्यान के साथ टक्निकल डिस्कशन आॅन सीमेन्ट मार्केटिंग टेस्ट एण्ड एवैल्युएशन पर प्रैक्टिकल करवाया गया। इस मौके पर मि. के.एन. भट्टाचार्य, राजेश जैन, टी.सी. जैन, सुनील गुप्ता, एस.के. सिंह के साथ इंजी. राहुल ओमर की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।कार्यक्रम का संचालन रिसर्च एसोसियेट रवि पाण्डेय ने कुशलता से किया।