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एकेएस विश्वविद्यालय के काॅमर्स फैकल्टीज, डाॅ. धीरेन्द्र ओझा एवं डाॅ. सच्चिदानंद का ”इफेक्ट आॅफ डिमोन्टेनाईजेशन इन इण्डिया” विषय पर आधारित शोधपत्र साइंटिफिक प्रोग्रेस एंड रिसर्च इन्टरनेशनल जर्नल के वाॅल्यूम-31 नम्बर 2 के जनवरी 2017 के अंक में प्रकाशित हुआ है। डाॅ. ओझा ने बताया कि इस शोध पत्र में यह बताया गया है कि विमुद्रीकरण के प्रभाव से आर्थिक जगत का कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं है। परन्तु उसका प्रभाव बैंकिंग सेक्टर , आॅटोमोबाईल सेक्टर तथा संरचनात्मक सेक्टर से सर्वाधिक रहेंगा । वर्तमान समय में सर्विस सेक्टर पर इसका प्रभाव न के बराबर रहेगा। हालांकि गवर्नमेन्ट के भ्रष्टाचार पर लगाम और अंतकवाद से जुड़े मुद्दे पे इसका प्रभाव आर्थिक रूप से दीर्घकालीन रहेगा तथा बैंकिग सेक्टर को जमाओं पर अधिक इन्टरेस्ट पेमेन्ट करने के कारण नेट प्राॅफिट कम होने का जोखिम भी वहन करना पड़ सकता है।