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एकेएस विश्वविद्यालय के ई-ब्लाक के प्रांगण में ‘‘या कुन्देन्दुतुषारहारधवला याशुभ्रवस्थावृता’’ मंत्रोच्चार के बीच सरस्वती पूजन का भव्य आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट विभाग में ज्ञान, साहित्य, संगीत और कला की देवी सरस्वती का पूजन विधि-विधान से करने के बाद हवन हुआ। माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन शब्दों की शक्ति मनुष्य की झोली में आई थी। सनातन मन्यता के अनुसार इसी दिन बच्चों को पहला अक्षर सिखाया जाता है और कहा जाता है कि माता सरस्वती ने जैसे ही वीणा के तारों को छुआ उससे ”स” शब्द फूट पड़ा यह शब्द संगीत के सात सुरों में प्रथम सुर है। हवाओं को, सागर को, पशु-पक्षियों और वन्य जीवों को वाणी मिली। नदियों से कल-कल की ध्वनि फूटी और माँ सरस्वती को वागेश्वरी नाम दिया गया। मनुष्य ही नहीं देवता और असुर भी भक्ति भाव से माँ सरस्वती की पूजा करते है। एकेएस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.के. बनिक, चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन ,डायरेक्टर अमित सोनी, विभागाध्यक्ष डाॅ. कौशिक मुखर्जी फैकल्टी डाॅ. प्रदीप चैरसिया, चंदन सिंह, प्रमोद द्ववेदी, विजय प्रकाश चतुर्वेदी, प्रकाश सेन, शीनू शुक्ला, श्वैता सिंह एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें।