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एकेएस विश्वविद्यालय के सभागार में विश्व जलाशय दिवस के अवसर पर पर्यावरण विभाग द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित ‘‘जलाशय प्राकृतिक आपदाओं की जोखिम को कम करने के लिये उपयोगी’’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डाॅ. एस.एस. तोमर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुये कहा कि जलाशय का महत्वपूर्ण उपयोग सिंचाई, विद्युत उत्पादन आदि के लिये होता है। लेकिन बड़े जलाशयों के कुछ दुष्परिणाम है। जिन्हे कम करने का प्रयास किया जाना चाहिए। प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन ने कहा कि जल एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है यदि इसका विवेक पूर्ण उपयोग न किया गया तो आगे आने वाले समय में बहुत बड़ा संकट पैदा हो जाएगा। अतः उससे बचने के लिये जल संरक्षण पर विशेष जोर देना होगा। प्रो. आर.एन. त्रिपाठी ने कहा कि प्राकृति के साथ खिलवाड़ मानव जाति के लिए अनेक संकट पैदा करेगी। कार्यक्रम का संचालन करते हुये डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी ने आज के कार्यक्रम की सारगर्भिता पर प्रकाश डाला और जलाशयों के महत्व एवं संरक्षण पर जोर दिया। इस अवसर पर समस्त विभागो के छात्र-छात्राऐं एवं फैकल्टी सुमन पटेल, भूपेन्द्र सिंह एवं निलाद्रि शेखर राय उपस्थित रहे।