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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय में धनवन्तरी प्रागट्य दिवस धनवन्तरी अखाड़ाए आयुर्वेद विश्व परिषद व पारम्परिक ज्ञान अनुसंधान एवं उपयोगिता के व फार्मास्यूटिकल विभाग के तत्वाधान में मनाया गया। इस अवसर पर विख्यात वैद्य श्री पद्माकर मालवीय जीए वैद्यराज डाॅण् रामअवतारए वयोवृद्ध वैद्य मार्कण्डेय प्रसाद गर्ग व युवा गउ उपासक लक्ष्मीकांत द्विवेदी ने विद्यार्थियों के बीच अपने अनुभव साझा किये। लक्ष्मी द्विवेदी जिन्होंने इसी विश्वविद्यालय से सीमेन्ट प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा किया थाए गउ उपासक होने के कारण अपने पैतृक गांव मुकुंदपुर में अपनी ही एक एकड़ जमीन पर गउओं की गौशाला का निर्माण किया और गौ.मूत्र से अनेक आयुर्वेदिक दवाइयां तैयार कर रहे हैं ताकि लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहे। अपने उद्बोधन मे उन्होंने जोर दिया कि कैसे गउ विज्ञान के प्रयोग से गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। आयुर्वेद विश्व परिषद की तरफ से डाॅण् रामअवतार एवं वैद्य गर्ग को आयुर्वेद पियूषपाणि की उपाधि से सम्मानित किया गया और ये प्रमाण पत्र एकेएस विण्विण् के डायरेक्टर अमित सोनी ने दोनों वैद्यों को प्रदान किये। डाॅण् स्वामी भूनानंद सरस्वती ;निदेषक सीटीकेआरएए एकेएस विण्विण् व महामण्डलेश्वरद्ध ने धनवन्तरी अखाड़ा के उद्देश्यों के बारे में बताया और जनमानसए वैज्ञानिकोंए प्रबुद्ध मानसए वैद्यों से अनुरोध किया कि धनवन्तरि अखाड़े के उद्देश्यों को जीवन निर्धारण कर आयुर्वेद को जनमानस तक ले जायें।


मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालयए सतना