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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय में ‘‘नेशनल टेक्नालाॅजी डे’’ पर भारत की तकनीकी क्षमता एवं दक्षता केे क्रमिक विकास पर विचार विमर्श करते हुए इंजी. अनिल नायक ने कहा कि टेक्नाॅलाॅजी करप्सन फ्री होनी चाहिए और इसमे डीजनरेशन नहीं होना चाहिए।इंजी. नायक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन मेक इन इंडिया पर चर्चा की ।उन्होने कहा कि ‘‘एकेडेमिक्स में रिसर्च और डेवलेपमेंट” को बढ़ावा मिलना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुधीर जैन (सतना केबिल्स)ने कहा कि वोकेशनल टेªनिंग से छात्रों की दक्षता बढती है और एकेएस वि.वि. के इलेक्ट्रिकल,मैकेनिकल के छात्र यूनिवर्सल केबल्स में आवश्यकतानुसार समर टेªनिंग प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों को सब्जेक्ट नाॅलेज के साथ जर्नल नाॅलेज भी मजबूत करना चाहिए। उन्होने छात्रों को इंटरव्यू स्किल और पर्सनेलिटी डेव्हलपमेंट के लिए पे्ररित किया।
नेशनल टेक्नाॅलाॅजी डे के मौके पर छात्रों को किया गया सम्मानित
‘‘नेशनल टेक्नालाॅजी डे’’ के मौके पर सतना का नाम राष्ट्रीय फलक पर रोशन करने वाले एकेएस के इंजीनियरिंग संकाय के छात्रों को अतिथियों द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। गौरतलब है कि सिविल चैम्पियनशिप-2016 में सिविल इंजी. के छात्रों ,माइनिंग के छात्रो ने ग्रेट स्टेप- 2015 आई.आई.टी. खड़गपुर में एवं मैकेनिकल के छात्रों ने रोबोकप- 2014 आई.आई.टी. खड़गपुर में अपनी स्किल दिखाई और विजेता का तमगा हासिल किया था। ज्ञातव्य है कि यह प्रदर्शन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि छात्रो ने अथक मेहनत करके आई.आई.टी. एवं अन्य प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के बीच जीत दर्ज की थी। वि. वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने टेक्नोलाॅजिकल विकास के साथ एकेएस यूनिवर्सिटी का विजन भी अतिथियों से साझा किया।उन्होने कहा कि तकनीक के इस दौर मे विश्व एक ‘‘ग्लोबल विलेज‘‘ बन गया है। कम्यूनिकेशन स्किल बढाने के लिए एकेएस में स्थापित किए गए इंग्लिश लैब के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों का परिचय डाॅ. जी.के. प्रधान ने दिया एवं वोट आॅफ थैक्स देते हुए इंजी. आर.के. श्रीवास्तव ने कविता की पंक्तियां पढ़ी ‘‘सारा जग छोड़ दू, सारा रथ मोड़ दू, कोई प्यार की नजर से पुकारे तो सही, ओढ़नी से आँगन बुहारे तो सही’’ पर सारा सभागार तालियों कि करतल ध्वनि से गूंज उठा।कार्यक्रम का संचालन प्रज्ञा श्रीवास्तव ने किया।