सतना। केन्द्रीय सरकार के सीमेंटेड सड़क बनाने के आदेश के बाद एकेएस यूनिवर्सिटी के कोर्स बी.टेक सीमेंट टेक्नालाॅजी की तरफ विद्यार्थियों का रुझान तेजी से बढ़ा है और इसके पीछे मूल कारण वर्तमान भारत सरकार द्वारा विकास के पैमाने पर विश्व के क्षितिज पर भारत का नाम अग्रणी पंक्ति में अंकित करवाने की आकांक्षा है। वर्तमान में भारत का सीमेंट उद्योग 270 मिलियन सीमेंट का सालाना उत्पादन करके दूसरे स्थान पर है। भविष्य में भारत के सीमेंट उत्पादन में प्रथम स्थान पर आने की प्रबंल संभावना है क्योंकि औद्योगिकीकरण के साथ भवन, पुल, सड़क और उद्योगों के लिये बड़ी संरचनाओं के निर्माण में सीमेंट की आवश्यकता बड़े पैमाने पर है।

एकेएस में है बी.टेक सीमेंट टेक्नालाॅजी हाइली जाॅब ओरियंटेड कोर्स

एकेएस यूनिवर्सिटी सतना ने बी.टेक सीमेंट टेक्नालाॅजी तीन वर्षीय कोर्सेस पिछले सत्र में ही प्रारंभ कर दिये थे जिसमें तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स हैं। इसमें प्रवेश की योग्यता हाई स्कूल यानी दसवीं है। इसी तरह चार वर्षीय बी.टेक इन सीमेंट टेक्नालाॅजी कोर्स जिसमें एडमीशन लेने के लिये विद्यार्थी को गणित संकाय में हायर सेकण्डरी पास होना जरूरी है। एम.टेक में प्रवेश की पात्रता बी.ई. और बी.टेक है, जबकि कोर्स की अवधि दो वर्ष है।

वर्तमान में यह है स्थिति

कोर्स करने के बाद जाॅब की संभावनाओं पर बात करते हुए बी.टेक सीमेंट टेक्नालाॅजी के हेड जी.सी. मिश्रा ने बताया कि सतना, रीवा में ही वर्तमान में कई नामी गिरामी सीमेंट कम्पनियां कार्यरत हैं जिनमें हजारों युवाओं की आवश्यकता है। इसी तरह 14 नई सीमेंट कम्पनियां विंध्य क्षेत्र में खुलने की दिशा में अग्रसर हैं। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना ने अपने कोर्सेस में ऐसे प्रशिक्षण को शामिल किया है जिसमें विद्यार्थी थ्योरेटिकल कम और प्रैक्टिकल नाॅलेज अधिकतम ग्रहण कर सकें जिससे योग्य प्रोफेशनल्स बन सकें।

इन क्षेत्रों में है जाॅब की संभावनाएं

देश की महत्वपूर्ण सीमेंट कम्पनियों के साथ-साथ विदेशों में नेपाल, भूटान सूडान, तंजानिया,काॅगो,ओमान,साउदी अरेबिया,कतर ,नाईजीरिया में भी योग्य प्रोफेशनल्स की मांग लाखों में है। सीमेन्ट टेक्नालाॅजी में डिप्लोमा एवं डिग्री करने के बाद रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट डिजाइन और परीक्षण में जाॅब की असीम संभावनाएं बरकरार हैं जबकि स्थानीय स्तर पर देश के औद्योगिक नक्शे में सीमेंट हब के रूप में उभर रहे सतना में सीमेंट प्लांट लगाने के लिये कम्पनियों की होड़ मची हुई है। यहां के गर्भ में छिपे लाइम स्टोन की प्रचुरता देश भर के बड़े औद्योगिक घरानों को अपनी ओर आकर्षित किया है। सतना की धरती पर सीमेंट प्लांट लगाने के लिये नामवर औद्योगिक घरानों में 26 हजार करोड़ की लागत से 15 सीमेंट प्लांट स्थापना के साथ साथ कई पावर प्लांट भी लगाने के करार किए हैं। सतना में जितने सीमेंट संयंत्र लगाने के करार हुए हैं उससे निश्चित तौर पर सतना जिला देश भर में सीमेंट हब के रूप में पहचान बना सकेगा। जबकि स्थानीय स्तर पर सीमेंट उद्योग की वृद्धि दर 8 प्रतिशत सालाना है और आक्सफोर्ड इकोनाॅमी का अध्ययन कहता है कि 2025 तक भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा कंस्ट्रक्शन मार्केट बनेगा। भविष्य में भारत सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये हजारों सिविल एवं सीमेंट टेक्नालाॅजी इजीनियर की महती आवश्यकता होगी। और यह कोर्स बच्चों में एक मुफीद साबित हो रहा है। कोर्स के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिये एकेएस यूनिवर्सिटी सतना एवं राजीव गांधी कम्प्यूटर काॅलेज में कार्यालयीन समय पर ली जा सकती है।