गत वर्षो में बड़ी मात्रा में प्याज को सड़ने व उससे करोड़ो रूपयो का नुकसान होने के समाचार अखबारो में छपते रहते है। तमाम संसाधनो के बावजूद प्याज को संरक्षित रखने की कोई कारगर विधि संतोषजनक परिणाम नहीं दे पाई है। इसी तथ्य को सामने रखते हुए एकेएस विश्वविद्यालय, सतना मे फूड टेक्नोलाॅजी विभाग के निदेशक डाॅ. सी.के. टेकचन्दानी ने ऐसा भण्डार बिन विकसित किया है जिसमें प्याज 10 महीने तक सुरक्षित रखी जा सकती है। इसमे किसी प्रकार की बिजली का उपयोग नहीं किया गया। इस तकनीक के अंतर्गत आयताकार आकार में लोहे की पाली से बने भण्डार बिन बनाये गये जिनमें बिन की मोटाई 4 से 12 इन्च तक रखी गई। इस तरह इन प्याज से भरे भण्डार बिन को टीन की छत के नीचे खुले में रखा गया। यहां प्याजों को हवा बराबर मिलती रही जिससे वे 10 माह तक सुरक्षित रहे। प्रयोगो में 20,30,50,70 एवं 125 किलो क्षमता वाले जालीदार बिन में प्याजो को संरक्षित रखा पाया गया। आवश्यकतानुसार भिन्न क्षमता वाले जालीदार बिन बनाये जा सकते हैं जिनका उपयोग छोटे-बड़े भण्डार गृहों एवं घरेलू स्तर पर किया जा सकता है। इस भण्डार बिन को एकेएस प्याज भण्डार बिन का नाम दिया गया है। अधिक जानकारी के लिये डाॅ. टेकचन्दानी से एकेएस विश्वविद्यालय, सतना अथवा मोबाइल नं. 7693007776 पर संपर्क किया जा कसता है।