सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में एन.एस.एस. विभाग द्वारा “अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2014“ थीम “साक्षरता और सतत विकास “ पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष  माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलन से किया गया। तत्पाश्चात मुख्य कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी ने विद्यार्थियों को  संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा हमारे जीवन का अमूल्य लक्ष्य है जिसने शिक्षा को पा लिया, वही पूर्ण साक्षर है। दुनिया भर में लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए यह दिवस हर वर्ष मनाया जाता है। साक्षरता दिवस का प्रमुख उद्देश्य निरक्षरों को पूर्ण साक्षर बनाना है, इस अवसर पर प्रो. आर .एन त्रिपाठी ने कहा कि साक्षरता का सामाजिक एवं आर्थिक विकास से गहरा संबंध है। इसी को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने 17 नवंबर, 1965 को आठ सितंबर का दिन विश्व साक्षरता दिवस के लिए निर्धारित किया था। गरीबी उन्मूलन में इसका महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। महिलाओं एवं पुरुषों के बीच समानता के लिए जरूरी है कि महिलाएं भी साक्षर बनें। दुनियाभर में 1966 में पहला विश्व साक्षरता दिवस मनाया गया था और तब से हर साल इसे मनाए जाने की परंपरा जारी है। प्रत्येक वर्ष एक नए उद्देश्य के साथ विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर सभी विभागों के विभागाध्यक्ष एवं फैकल्टीज उपस्थित रहे।