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आज के ज्ञान एवं अर्थशास्त्र के दौर में संपदा सम्बन्धित संवैधानिक अधिकार एवं कत्र्तव्यों की विस्तृत जानकारी शैक्षणिक एवम् व्यवसायी समूह दोनों को समानांन्तर रूप से जरूरी है, इस वैश्विक जरूरत को समझते हुए नाइटर चंडीगढ़ द्वारा एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयेजन 21 से 25 अप्रैल, 2014 तक एकेएस में कार्यक्रम रखा गया है। विंध्य क्षेत्र के लिए हर्ष का विषय है कि इस अनूठे प्रयास के लिए नाइटर चंडीगढ़ ने एकेएस विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली तथा आधार भूत संरचना से प्रभावित होकर विश्वविद्यालय के ‘‘सेंटर फाॅर इंटरप्रन्योरशिप स्किल डेव्लेपमेंट को अधिकृत नोडल संेटर के रूप में चुना है। एकेएस विश्वविद्यालय प्रबंधन ने नाइटर चंडीगढ़ के निदेशक डाॅ. एम.पी. पूनिया को धन्यवाद दिया है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य तकनीकी शिक्षा संस्थानों तथा व्यवसायिक उपक्रमों के पेशेवरों/शिक्षकों तथा कर्मियों को भी इंटेलेक्चुअल प्रापर्टी तथा इससे सम्बन्धित तकनीकी/संवैधानिक दायित्व तथा अधिकारों के प्रति जागरूकता तथा ज्ञान को बढ़ावा देना का लक्ष्य रखा है। सम्बन्धित विषय पर देश के कई विद्वान आमंत्रित है जिनमें डाॅ. उदय सिंह राउरकेला प्रो. इनोवेशन एंड इंटेलेक्चुअल प्रापर्टी मैनेजमेन्ट - आई.आई.टी. कानपुर से राहुल तनेजा - वरिष्ठ वैज्ञानिक डी.एस.टी. गवर्नमेंट आॅफ हरियाणा, पूरे कार्यक्रम का संयोजन इंजी. अमरदेव सिंह कर रहे है। एकेएस विश्वविद्यालय नाइटर चंडीगढ़ के अधिकृत नोडल सेंटर के रूप में मध्यप्रदेश से इकलौती यूनिवर्सिटी है। इस कार्यक्रम के स्थानीय मुख्य अतिथि एकेएस के चेयरमैन अनंत सोनी तथा संयोजक कुमार आशीष होगें। कार्यक्रम की विशेष जानकारी तथा पंजीयन के लिए विश्वविद्यालय की बेवसाइट एवं कार्यालयीन समय मंे विश्वविद्यालय से जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
प्राचीन धरोहरें हमें अपनी समृद्ध विरासत का एहसास कराती है और इस खज़ाने को संवारने और सुरक्षित रखने की जिम्मेदार हम सबकी है। बुलंदी और प्रचीन गौरव को निहारना हमेशा ही उर्जादायक है। एकेएस विश्वविद्यालय के सभागार में ‘‘वल्र्ड हेरिटेज डे’’ के अवसर पर विद्यार्थियों को सतना के आस-पास फैले गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक संदर्भो पर कार्यक्रम रखकर जानकारी दी गई।
एकेएस विश्वविद्यालय के समाजकार्य विभाग द्वारा ‘‘विश्व धरोहर दिवस मनाया गया सर्वप्रथम प्रो0 राजीव सोनी व प्रो. भावना मिश्रा ने छात्र- छात्राओं को बताया कि विश्व में ऐसी प्रचीन इमारते जो धरोहर के रूप में विद्यमान है तथा प्राचीन सभ्यता का प्रतिनिधित्व करती है। उन्हें सुरक्षित रखने तथा उनके महत्व को बनाए रखने के लिए विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है।
कार्यक्रम के अगले चरण में उन्होंने सतना स्थित प्राचीन भरहुत स्तूप के महत्व को तथा जिले में स्थित अन्य प्राचीन इमारतों के बारे में संक्षिप्त रूप से जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर समाज कार्य के छात्र-छात्राओं के अलावा विश्वविद्यालय के छात्र-छत्राऐं भी उपस्थित रहें। इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रो. भूषण दीवान उपस्थित रहें तथा कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से किया गया।